Faridabad News: मिर्जापुर डेयरी जोन नरक में तब्दील हुआ, निगम को सभी शुल्क देकर बेसिक सुविधाओं को तरस रहे लोग
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Faridabad News: मिर्जापुर डेयरी जोन नरक में तब्दील हुआ, निगम को सभी शुल्क देकर बेसिक सुविधाओं को तरस रहे लोग

Faridabad News: हरियाणा के फरीदाबाद शहर के रिहायशी इलाकों में चलने वाली डेरियों के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है. नगर निगम की लापरवाही से फरीदाबाद का मिर्जापुर डेयरी जोन नरक में तब्दील हो चुका है.

Faridabad News: मिर्जापुर डेयरी जोन नरक में तब्दील हुआ, निगम को सभी शुल्क देकर बेसिक सुविधाओं को तरस रहे लोग

Faridabad News: शहर के रिहायशी इलाकों में चलने वाली डेरियों के कारण जहां चारों तरफ गंदगी फैली रहती है, वहीं आसपास के अन्य लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए नगर निगम फरीदाबाद द्वारा 2002 में गांव मिर्जापुर में डेरी जॉन विकसित किया गया था. उस समय यह बल्लभगढ़ का हिस्सा था, लेकिन अब यह तिगांव विधानसभा का हिस्सा है.

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उस समय करीब लगभग 150 पशुपालकों ने डेयरी शुरू करने के लिए नगर निगम को लाखों रुपये देकर प्लॉट खरीदे थे. उस समय निगम की तरफ से यहां सीवर,पानी की लाइन, नालियों, सड़कों का निर्माण भी करवाया था, लेकिन इसके बाद नगर निगम की ओर से मिर्जापुर डेरी जॉन की तरफ कभी भी ध्यान देने की जरूरत महसूस नहीं की. सरकारे बदलती गई. साथ-साथ इस डेरी जॉन के हालात भी खराब होते गए. बीते 21 वर्षों के दौरान नगर निगम ने विकास या सुविधा देने के नाम पर कुछ नहीं किया, जिसके कारण इस डायरी जॉन की हालात बद से बद्तर हो रही है.

निगम को सभी तरह के शुल्क देने के बावजूद पशुपालकों को यहां सुविधाओं की कमी के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चारों तरफ पशुओं के गोबर का ढेर दिखाई देता है, क्योंकि नगर निगम की तरफ से इसे उठाने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण गोबर सड़क और नालियों में जम जाता है, जिसके बाद यहां से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है. नालियां जाम हो जाती है और आसपास का माहौल दूषित बदबूदार हो जाता है.

गांव मिर्जापुर में डेरी जोन विकसित करते समय नगर निगम द्वारा यहां एक पशुओं के इलाज के लिए अस्पताल का निर्माण भी कराया था. जहां पशुओं के इलाज की सभी सुविधाओं के साथ-साथ डॉक्टर और कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई थी, लेकिन इसके बाद पशुओं के इस अस्पताल की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया. हालत यह हो गई कि करीब 2 साल पहले इस अस्पताल को भी पास के ही चंदावली गांव स्थित पशुओं के अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया. ऐसे में पशुओं के बीमार होने पर पशुपालकों को आए दिन भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

कुछ स्थानीय पशुपालक डेरी चालक बताते हैं कि यहां से काफी डेरी चालक पलायन भी कर चुके हैं. बार-बार शिकायत करने के बावजूद अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
मिर्जापुर डेरी जोन के पशुपालक बताते हैं कि वे यहां निगम से लाखों रुपये के प्लाट खरीद कर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. नियमित रूप से निगम को सभी शुल्क देने के बावजूद उन्हें सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है. डेयरी जॉन की नरकीय हालत होने के कारण उन्हें भरी परेशानी का तो सामना करना ही पड़ ही रहा है. साथ ही साथ आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. लगातार विधायकों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री की खिड़की पर भी शिकायत लगाई गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही.

Input: Amit Chaudhary

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