Swati Maliwal News: स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार के एक अधिकारी पर नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप के मामले में अमित शाह को पत्र लिखा. मालीवाल ने अपने पत्र में मांग की है कि उन्हें नाबालिग लड़की या उसके परिवार से मिलने दिया जाए, लड़की का मेडिकल इलाज एम्स में कराया जाए या एम्स की एक टीम उसे देखे और गिरफ्तारी में देरी की जांच की जाए.
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Delhi Burari Rape Case: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार के एक महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी के नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के मामले में केंद्रीय गृंह अमित शाह को पत्र लिखा है. दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात एक अधिकारी ने नाबालिग लड़की से बलात्कार किया था. आयोग ने मामले में जांच शुरू की है और दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार दोनों को नोटिस जारी किया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल-
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी पर नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। उन्होंने अपने पत्र में मांग की है कि उन्हें नाबालिग लड़की या उसके परिवार से मिलने दिया जाए, लड़की का मेडिकल इलाज… pic.twitter.com/bikB3BQ2eT— Sahara Samay Live (@SaharaSamayNews) August 22, 2023
21 अगस्त 2023 को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उस निजी अस्पताल का दौरा किया, जहां वर्तमान में लड़की का इलाज चल रहा है. वह उचित सहायता, चिकित्सा उपचार, मुआवजा और कानूनी सहायता सुनिश्चित करने के लिए पीड़िता या उसके परिवार के सदस्यों से मिलना चाहती थी. मगर जब वह कल सुबह 11 बजे अस्पताल पहुंची, तो अधिकारियों ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया. अस्पताल निदेशक और गार्ड ने बताया कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी और एसीपी अस्पताल के अंदर मौजूद थे और उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों को स्वाकि मालिवाल को पीड़िता या उसके परिवार से मिलने की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिए थे.
कई घंटों के इंतजार के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने एक पेपर दिया जिसके बारे में उनका दावा था कि यह पीड़िता की मां द्वारा लिखा गया था. उक्त पत्र किसी को संबोधित नहीं था और उसमें दो पंक्तियां लिखी थीं, जिसमें लिखा था कि वह किसी से बातचीत नहीं करना चाहतीं. दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष ने अपने पत्र में इस मामले में चिंता के कई मुद्दे उठाए हैं. उदाहरण के लिए हस्ताक्षरित पत्र अस्पताल अधिकारियों के प्रेस के साथ साझा किया गया था जो पीड़िता की पहचान का खुलासा करने जैसा है.
साथ ही दिल्ली स्वाकि मालिवाल ने कहा है कि क्योंकि यह एक निजी अस्पताल है, इसलिए अधिकारियों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इसीलिए उन्होंने अस्पताल अधिकारियों से अनुरोध किया कि उन्हें लड़की या उसकी मां से मिलने की अनुमति दी जाए. इसके अलावा अस्पताल अधिकारियों द्वारा प्रेस को पत्र दिखाए जाने के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को दिल्ली पुलिस अस्पताल के अंदर ले गई और पीड़िता की मां से बातचीत कराई. दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष ने अस्पताल के बाहर 24 घंटे से अधिक समय तक इंतजार किया और रात भर वहीं सोईं. हालांकि उनके बार-बार अनुरोध के बावजूद दिल्ली पुलिस और अस्पताल अधिकारियों ने उन्हें पीड़िता या उसके परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी.
दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष ने इसे दिल्ली पुलिस और अस्पताल अधिकारियों द्वारा शक्ति का दुरुपयोग करार दिया है, जिन्होंने इस मामले में आयोग के कामकाज में रूकावट डाली है. केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे अपने पत्र में दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष ने उनसे मामले में हस्तक्षेप करने और अधिकारियों को पीड़िता या उसकी मां से मिलने की अनुमति देने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. उन्होंने अमित शाह से पीड़िता को बेहतर इलाज और देखभाल के लिए तत्काल एम्स में स्थानांतरित करने के लिए भी कहा है और यदि पीड़िता और उसका परिवार एम्स में स्थानांतरित नहीं होना चाहता है, तो पीड़िता की जांच के लिए एम्स से डॉक्टरों की एक टीम भेजी जानी चाहिए और उसके इलाज की निगरानी करें. उन्होंने मामले में गिरफ्तारी सुनिश्चित करने में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई देरी की जांच कराने का भी अनुरोध किया है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने को भी कहा है.
इसके अलावा दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस मामले पर चर्चा के लिए तत्काल बैठक के लिए माननीय मंत्री से मिलने का समय मांगा है. स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मामला है क्योंकि आरोपी व्यक्ति एक सरकारी अधिकारी था जिसे राजधानी में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने का काम सौंपा गया था. यह तथ्य कि दिल्ली पुलिस आठ दिनों से अधिक समय तक उसे गिरफ्तार करने में विफल रही और पीड़िता या उसके परिवार से मेरी मुलाकात की अनुमति नहीं देना पुलिस के आचरण के संबंध में गंभीर चिंताएं पैदा करती है. गृह मंत्री को पत्र लिखा है और उम्मीद है कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे.