Delhi Pollution: ट्रकों की एंट्री न रोकने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, निगरानी के लिए 13 कोर्ट कमिश्नर किए नियुक्त
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2525916

Delhi Pollution: ट्रकों की एंट्री न रोकने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, निगरानी के लिए 13 कोर्ट कमिश्नर किए नियुक्त

Delhi News Hindi: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी 113 एंट्री पॉइंट्स पर चेकपोस्ट बनाए जाएं. चेकपोस्ट पर तैनात अधिकारियों को यह जानकारी होनी चाहिए कि किन वाहनों को ग्रेप 4 के तहत एंट्री में छूट दी गई है. 

Delhi Pollution: ट्रकों की एंट्री न रोकने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, निगरानी के लिए 13 कोर्ट कमिश्नर किए नियुक्त

Delhi Air Quality: दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने दिल्ली में ट्रकों की एंट्री रोकने के आदेश को सही तरीके से लागू नहीं करने पर नाराजगी जताई. साथ ही 13 वकीलों को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है, जो दिल्ली के विभिन्न एंट्री पॉइंट्स पर जाकर स्थिति का निरीक्षण करेंगे. 

क्या होगी कोर्ट कमिश्नर की भूमिका
इन 13 कोर्ट कमिश्नरों को एंट्री पॉइंट्स पर जाकर देखना होगा कि क्या ट्रकों की पाबंदी के आदेश का पालन किया जा रहा है या नहीं. उन्हें निरीक्षण के दौरान फोटोग्राफ और वीडियो बनाने की इजाजत भी दी गई है. कोर्ट कमिश्नर यह रिपोर्ट सोमवार को कोर्ट में पेश करेंगे, जिस पर विचार किया जाएगा.

सरकार के हलफनामे से असंतुष्ट 
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा दायर हलफनामे को देखकर कहा कि वह इससे संतुष्ट नहीं है. दरअसल हलफनामे में दिल्ली सरकार यह स्पष्ट नहीं कर सकी कि राजधानी के कितने एंट्री पॉइंट्स पर अधिकारी तैनात हैं. अमिकस क्यूरी के अनुसार, दिल्ली में ऐसे 113 एंट्री पॉइंट्स हैं, लेकिन सरकार ने केवल 13 जगहों पर निगरानी रखने की बात कही है. इसका मतलब है कि लगभग 100 जगहों पर कोई निगरानी नहीं हो रही है.

113 एंट्री पॉइंट्स पर चेकपोस्ट बनाने के निर्देश 
कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी 113 एंट्री पॉइंट्स पर चेकपोस्ट बनाए जाएं. चेकपोस्ट पर तैनात अधिकारियों को यह जानकारी होनी चाहिए कि किन वाहनों को ग्रेप 4 के तहत एंट्री में छूट दी गई है.

स्कूलों के खुलने पर फैसला
सुनवाई के दौरान कुछ अभिभावकों ने वकील मेनका गुरुस्वामी के माध्यम से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चों को स्कूल जाने की इजाजत दी जानी चाहिए, क्योंकि उनके पास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की तकनीकी सुविधा नहीं है. कोर्ट ने कहा कि सोमवार को कमिश्नर की रिपोर्ट देखने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि क्या स्टेज 4 से कम की पाबंदियों को लागू किया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि अभी दिल्ली एनसीआर में ग्रेप 4 लागू रहेगा.  सोमवार को होने वाली सुनवाई में कोर्ट तय करेगा कि ग्रेप 4 के तहत लगी तमाम पाबंदियों में कुछ छूट दी जाए या नहीं. 

इनपुट: अरविंद सिंह 

ये भी पढ़ें: चांदनी चौक की स्थिति देखकर हैरान हाईकोर्ट, अवैध गतिविधियां को हटाने के दिए निर्देश

Trending news