AAP सरकार में कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद ने दिया इस्तीफा, 1 माह पहले पड़ा था ED का छापा
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AAP सरकार में कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद ने दिया इस्तीफा, 1 माह पहले पड़ा था ED का छापा

AAP Minister Raj Kumar Anand Resignation: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री राज कुमार आनंद ने पार्टी और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. गौर करने वाली बात यह है कि आनंद को एक माह पहले ईडी की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था.

AAP सरकार में कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद ने दिया इस्तीफा, 1 माह पहले पड़ा था ED का छापा

AAP Minister Raj Kumar Anand Resignation: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री राज कुमार आनंद ने पार्टी और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. गौर करने वाली बात यह है कि आनंद को एक माह पहले ईडी की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था. ईडी ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस्तीफा देने के बाद राजकुमार आनंद ने कहा कि आम आदमी पार्टी गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. मैं भ्रष्ट लोगों के साथ काम नहीं कर सकता.

अरविंद केजरीवाल के मंत्री का इस्तीफा

दिल्ली के मंत्री राज कुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी (आप) में दलितों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने का आरोप लगाया है. इन आरोपों के साथ बुधवार को उन्होंने पार्टी और मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. समाज कल्याण समेत विभिन्न विभाग संभालने वाले आनंद ने आरोप लगाया कि ‘आप’ के शीर्ष नेताओं में कोई दलित नहीं है. उन्होंने आप के दलित विधायकों, मंत्रियों और निगम पार्षदों को कोई सम्मान नहीं दिए जाने का भी आरोप लगाया. बता दें कि आनंद, पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

ईडी ने आनंद के ठिकानों पर मारी थी रेड

बताते चलें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज कुमार आनंद के यहां छापेमारी की थी. तब कहा गया था कि ईडी की छापेमारी 'मनी लॉन्ड्रिंग जांच' का हिस्सा है और राष्ट्रीय राजधानी में उनके आधिकारिक आवास और उनसे जुड़े नौ अन्य परिसरों पर की गई.

कौन हैं राजकुमार आनंद?

राजकुमार आनंद दिल्ली के पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह फरवरी 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे. केजरीवाल मंत्रिमंडल में आनंद के पास कई विभाग थे. वे समाज कल्याण, एससी और एसटी, गुरुद्वारा चुनाव और सहकारी समितियों जैसे विभाग की जिम्मेदारी निभा रहे थे.

आंदोलन में दिया अन्ना का साथ

राजनीति में आने से पहले वे लेदर का बिजनेस करते थे. वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे. 2011 में आनंद अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) आंदोलन का हिस्सा थे. इस आंदोलन के बाद वे केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP में शामिल हो गए.

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