Delhi Crime: पुलिस ने बताया कि आरोपी पहले निजी बैंक की झंडेवालान ब्रांच में काम करता था. पारस ने बताया कि वह और सोनल दोनों मिलकर चीटिंग करते थे. दोनों धोखाधड़ी के पैसों से विदेशों में मौज मस्ती करते थे.
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नई दिल्ली: उत्तरी जिले कि स्पेशल स्टाफ पुलिस टीम ने विदेशों में इस्तेमाल होने वाले फॉरेक्स कार्ड से धोखाधड़ी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया. पुलिस गैंग के सरगना समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी विदेशों में घूमने वाले लोगों के फॉरेक्स कार्ड से पैसे निकालते थे और विदेशों में मौज मस्ती करते थे.
एक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि विदेश जाने के लिए उन्होंने दिल्ली के आईसीआईसीआई बैंक से अपने फॉरेक्स कार्ड में 11 लाख रुपये जमा करवाए, लेकिन कार्ड में कैश अपडेट नहीं हुआ. इसकी वजह से उसे विदेश में पहुंचने के बाद काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पुलिस ने मामला दर्ज कर शिकायत पर काम करना शुरू किया और पिछले रिकॉर्ड भी खंगाले. टीम को पता चला कि इस तरह की चीटिंग फॉरेक्स कार्ड में पैसे डालने के नाम पर साल 2019 में भी हुई थी. आरोपी पहले भी लोगों से धोखाधड़ी कर करीब सवा करोड़ रुपये का चूना लगा चुके हैं. इसके बाद पुलिस ने आरोपी पारस को उसके घर पश्चिम विहार से गिरफ्तार किया.
सरगना एक निजी बैंक में कर चुका था काम
पुलिस ने बताया कि आरोपी पहले निजी बैंक की झंडेवालान ब्रांच में काम करता था. पारस ने बताया कि वह और सोनल दोनों मिलकर चीटिंग करते थे. इसके बाद सोनल को भी दिल्ली के ब्रह्मपुरी इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों आरोपी विदेश में रहते थे. इस गैंग तक पहुंचने के लिए पुलिस ने लगातार 5 महीने तक टेक्निकल सर्विलेंस की मदद से छानबीन की और उसके बाद आरोपियों तक पहुंचने में कामयाबी पाई. आरोपियों के पास से 8 मोबाइल, चीटिंग के रुपये से खरीदी गई दो कार और वारदात में इस्तेमाल अन्य सामान भी बरामद किया गया है.
डीसीपी सागर सिंह कलसी के अनुसार जो लोग विदेश जाते हैं, वे फॉरेक्स कार्ड यूज करते हैं. आरोपी उस फॉरेक्स कार्ड कीडिटेल को बदलकर दूसरे कार्ड में कैश ट्रांसफर करवा लेते थे और फिर इस कैश को बैंकॉक, हांगकांग और दुबई में जाकर निकालते थे. इसके बाद हवाला और दूसरे माध्यम से इंडिया मंगवाते थे. डीसीपी ने बताया कि यह गैंग 2019 से सक्रिय था.
बैंक ने लौटाए 11 लाख रुपये
फॉरेक्स कार्ड अलग-अलग बैंक से मिलता है. जब लोग पहले से फॉरेक्स कार्ड में डिपॉजिट अमाउंट को विदेश में खर्च करते हैं तो अलग से चार्ज नहीं लगता। यह गैंग अक्सर विदेश जाने वाले लोगों को ही अपना शिकार बनाता था, क्योंकि इनके कार्ड में अच्छी खासी रकम रहती हैं. फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है कि इस मामले में और भी कितने लोग जुड़े हैं. पुलिस ने बैंक से संपर्क किया तो बैंक ने पीड़ित महिला के 11लाख रुपये लौटा दिए.
इनपुट : संजय विश्वकर्मा