Chandigarh SYL Issue: पंजाब हरियाणा को सतलुज का पानी देने को तैयार नहीं है. वहीं अब हरियाणा ने उसके लिए दूसरे रास्ते ढूंढने शुरू कर दिए हैं. वहीं अब हिमाचल से सतलुज का पानी लेने की तैयारी की जा रही है.
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Chandigarh SYL Issue: सतलुज यमुना लिंक एसवाईएल (SYL) का मामला हरियाणा और पंजाब के बीच लंबे समय से अटका हुआ है. दोनों राज्यों के बीच करीब पिछले करीब 45 साल से विवाद चल रहा है. इसका आज तक कोई हल नहीं निकला. हरियाणा में अब जल संकट बढ़ता जा रहा है, जिसे दूर करने के लिए राज्य सरकार ने एक दूसरा रास्ता अख्तियार किया है.
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दरअसल पंजाब किसी भी हालत में हरियाणा को सतलुज का पानी देने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए हरियाणा सरकार अब अन्य विकल्पों पर भी विचार करने लगी है.
पंजाह के अड़ियल रवैये को देखते हुए अब हरियाणा सरकार हिमाचल के रास्ते सतलुज का पानी राज्य में लाने की तैयारी कर रही है.
इस साल 22 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने चंडीगढ़ में मुलाकात की थी, जिसमें हिमाचल के रास्ते सतलुज के पानी को हरियाणा में लाने के मुद्दे पर चर्चा की गई थी. अगर यह प्रोजेक्ट शुरू होता है तो इसके लिए करीब 67 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण करना होगा, जिस पर 4200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस प्रोजेक्ट के जरिये नालागढ़, बद्दी, पिंजौर, टांगरी से होते हुए नहर का निर्माण किया जाएगा. जो जनसुई हेड तक पहुंचेगी. यहां से सतलुज का पानी हरियाणा के बाकी हिस्सों में वितरित कर दिया जाएगा.
हाल ही में इस मामले पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू का भी बयान आया है. उनका कहना है कि हम हरियाणा को सतलुज का पानी देने के लिए तैयार हैं. इससे हिमाचल को भी आर्थिक सहायता मिलेगी.
वहीं दूसरी ओर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की ओर से भी कहा गया है कि हरियाणा को सतलुज का पानी तो चाहिए ही, अगर एसवाईएल का विवाद नहीं सुलझ रहा है तो हरियाणा को दूसरे विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए. ताकि हरियाणा को पर्याप्त पानी मिल सके.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने SYL मामले में 10 नवंबर 2016 को हरियाणा के पक्ष में फैसला दिया था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि SYL का बकाया काम पूरा कर हरियाणा को पर्याप्त पानी दिया जाए. इसके बाद कई बार सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में निर्देश दिए, लेकिन तब भी इस पर बात नहीं बनी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले की मध्यस्थता करने के लिए कहा. 4 जनवरी 2023 को हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक हुई, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसकी मध्यस्थता की, मगर कोई नतीजा नहीं निकला.
Input: Vijay Rana