World Boxing Championship: भारत की 12 महिला बॉक्सर में हरियाणा की ये आठ खिलाड़ी, जानें इनके चयन का असली कारण
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World Boxing Championship: भारत की 12 महिला बॉक्सर में हरियाणा की ये आठ खिलाड़ी, जानें इनके चयन का असली कारण

WBC 2023: वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप भारत में तीसरी बार हो रही है. चैंपियनशिप के इतिहास में किसी भी देश ने इससे अधिक बार इसकी मेजबानी नहीं की है. इससे पहले भारत में यह टूर्नामेंट  2006 और 2018 में हो चुका है.

World Boxing Championship: भारत की 12 महिला बॉक्सर में हरियाणा की ये आठ खिलाड़ी, जानें इनके चयन का असली कारण

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (Indira Gandhi Indoor Sports Complex) में बुधवार को वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप (World Boxing Championship) की शुरुआत हो गई. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) की मेजबानी में होने वाला यह टूर्नामेंट 26 मार्च तक चलेगा. इसमें 74 से अधिक देशों की करीब 350 महिला बॉक्सर हिस्सा लेंगी. इसमें 12 बॉक्सर भारत की हैं.  

भारत तीसरी बार कर रहा प्रतिनिधित्व 
वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप भारत में तीसरी बार हो रही है. चैंपियनशिप के इतिहास में किसी भी देश ने इससे अधिक बार इसकी मेजबानी नहीं की है. इससे पहले भारत में यह टूर्नामेंट  2006 और 2018 में हो चुका है. बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, मुझे लगता है कि भारत का तीसरी बार चैंपियनशिप की मेजबानी करना इस बात का प्रमाण है कि भारत मुक्केबाजी में एक वास्तविक शक्ति है और जैसा कि आईबीए अध्यक्ष ने कहा कि भारत वास्तव में दुनिया में महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है. हमारे लिए और भी खुशी की बात यह है कि इस खेल ने हमें अपने देश में महिलाओं को सशक्त बनाने में सक्षम बनाया है.

जहां तक बात हरियाणा की है तो बता दें भारतीय खिलाड़ियों में हरियाणा की 8 शामिल हैं और सबसे ज्यादा मिनी क्यूबा के नाम से चर्चित भिवानी की पांच बेटियां-नीतू घणघस, साक्षी ढ़ांडा, प्रीति पंवार, जैस्मिन लंबोरिया व नुपूर श्योराण शामिल हैं. इसके अलावा हरियाणा की तीन अन्य खिलाड़ी-मनीषा मौन, स्वीटी बूरा और शशि चोपड़ा हैं, जो दिल्ली में अपने प्रतिद्वंद्वी को पटखनी देने को तैयार हैं. 

आइए अब हरियाणा की आठ बेटियों के बारे में हम आपको बताते हैं. 

नीतू घणघस 48 kg
जन्म स्थान: भिवानी, हरियाणा

22 साल की नीतू घणघस अपने दमदार मुक्कों की रफ्तार से प्रतिद्वंद्वी को धूल चटाने के लिए जानी जाती हैं. नीतू ने 2017 में गुवाहाटी में आयोजित युवा मुक्केबाजी में गोल्ड मेडल जीतकर अपने आप को साबित किया था. इसके बाद वर्ष 2018 में एक बार फिर से उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए वर्ल्ड यूथ बॉक्सिंग चैंपियनशिप (World Youth Boxing Championships 2018) में गोल्ड मेडल हासिल किया था. इसकव बाद नीतू ने 2022 में बर्मिंघम (Birmingham) में हुए Commonwealth Games में भारत की झोली में पहला स्वर्ण पदक डाला था.

साक्षी ढांडा (52) kg
जन्म स्थान: भिवानी

भिवानी के धनाना गांव में जन्मी साक्षी ढांडा की क्षमता ने पूरी दुनिया का ध्यान उस समय अपनी ओर खींचा, जब उन्होंने 2015 में ताइपे में आयोजित एआईबीए जूनियर महिला विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में यूएस नेशनल चैंपियन यारिसल रामिरेज़ को मात दी. 2017 में गुवाहाटी में आयोजित यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में साक्षी ने गोल्ड जीतकर देश और प्रदेश का मान बढ़ाया. 2018 हंगरी में हुई Youth World Championships में एक बार साक्षी ने गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाया. 

प्रीति पंवार( 54Kg)
जन्म स्थान: भिवानी

हरियाणा की एक और प्रतिभावान बेटी प्रीति पंवार 16 मार्च 2023 से होने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप महाकुंभ में डेब्यू करेंगी. प्रीति ने पानीपत (हरियाणा) आयोजित ओपन स्टेट के तौर पर अपना पहला बड़ा टूर्नामेंट खेला था और यूथ नेशनल में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद प्रीति ने खेलो इंडिया गेम्स 2020 (गुवाहाटी) और 2021 (पंचकूला) में रजत और स्वर्ण पदक जीतकर अपनी पहचान बनाई. प्रीति ने Youth Asian Championship 2021 में सिल्वर और Senior Asian Championship 2022 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी चमक बिखेरी. 

मनीषा मौन (57Kg)
जन्म स्थान: कैथल 

2018 में नई दिल्ली में आयोजित World Championships में मनीषा ने दो बार की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता यूएसए की क्रिस्टीना क्रूज़ को हराकर Giant Killer के नाम से पहचान बनाई थी. मनीषा का सफर आसान नहीं रहा, क्योंकि उनके पिता उनकी बॉक्सिंग के सख्त खिलाफ थे. एक चर्चित कहावत है कि पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं. इसी कहावत को सच साबित करते हुए मनीषा ने मुक्कों की धमक से जल्द ही अपने पिता को विरोधी से समर्थक बना दिया.

जैस्मिन लंबोरिया (60kg)
जन्म स्थान: भिवानी

जैस्मिन ने 2019 में डबलिन में आयोजित Youth Eskar All Female Box Cup में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी सफलता का सफर शुरू किया था. वैसे तो जैस्मिन के नाम बहुत से खिताब हैं, लेकिन उन्होंने उस समय अचानक बॉक्सिंग की दुनिया में तहलका मचा दिया, जब उन्होंने 2021 में टोक्यो ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता सिमरनजीत कौर को हरा दिया. 

शशि चोपड़ा (63 kg)
जन्म स्थान: हिसार

स्टील नगरी हिसार की शशि ने 2017 में बुल्गारिया और इस्तांबुल में एक स्वर्ण और रजत पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई. 2016 में नेशनल चैंपियन रहीं शशि चोपड़ा ने गुवाहाटी में आयोजित Youth Women's World Championship गोल्ड जीतकर सबको अपना मुरीद बना लिया था. उसके बाद्द चोट और कई असफलताओं के बुरे दौर से गुजरीं शशि ने 2022 में Senior National Championships में जबर्दस्त वापसी करते हुए गोल्ड जीता. 

स्वीटी बूरा  (81kg)
जन्म स्थान: हिसार

कबड्डी खिलाड़ी के तौर पर अपने जीवन की शुरुआत करने वाली स्वीटी बूरा आज देश की शीर्ष महिला मुक्केबाजों में से एक हैं. 2014 विश्व चैंपियनशिप में स्वीटी का जीता गया रजत पदक उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है. जीवन में बहुत सारी चुनौतियों को मात देते हुए स्वीटी ने देश की शीर्ष महिला मुक्केबाजों में अपनी जगह बनाई. 30 वर्षीय स्वीटी ने हाल ही में जॉर्डन में एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और भोपाल नेशनल चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल हासिल किया. 

नूपुर श्योराण (81 kg+)
जन्म स्थान: भिवानी

दो बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता दिग्गज कैप्टन हवा सिंह श्योराण के परिवार में जन्मीं  नूपुर (22) अपने दादा की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं. नूपुर की मां मुकेश रानी भी बास्केटबॉल में Asian Championships medallist  रह चुकी हैं. नूपुर के पिता संजय कुमार श्योराण कई बार के राष्ट्रीय चैंपियन मुक्केबाज रहे हैं, जिन्होंने 2006 में प्रतिष्ठित गुरु द्रोणाचार्य कैप्टन हवा सिंह बॉक्सिंग अकादमी की स्थापना की थी.

इनपुट: नवीन शर्मा 

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