Badari Rape Case: बुराड़ी रेप केस में पुलिस ने आरोपी के पोटेंसी टेस्ट में सबसे बड़ा सबूत हाथ लगा है. 5 नामों के बाद सामने आया हैवान ''मामा'' का नाम. इस केस को कोर्ट में साबित करने और आरोपी को सजा दिलवाने के लिए टेस्ट के बाद पुख्ता सबूत मिल गए है लिहाजा पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर ना लेकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
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Badari Rape Case: बुराड़ी रेप केस में पुलिस ने आरोपी निलंबित डिप्टी डायरेक्टर का पोटेंसी टेस्ट कराया है, जिसके बाद उसको कोर्ट में पेश करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. सूत्रों के मुताबिक, इस केस को कोर्ट में साबित करने और आरोपी को सजा दिलवाने के लिए टेस्ट के बाद पुख्ता सबूत मिल गए है लिहाजा पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर ना लेकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
पुलिस की जांच के दायरे में वो चर्च भी आ गया है जहां पर पीड़िता का परिवार आरोपी के परिवार से अक्सर रविवार को मिलता था. क्योंकि, जांच में पता चला है आरोपी ने चर्च के अंदर भी पीड़ित नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ की थी. बुराड़ी रेप केस में पुलिस की जांच में पता चला है कि पीड़ित बच्ची को 2007 में गोद लिया गया था, बच्ची का लगाव अपने पिता के साथ काफी ज्यादा था, लेकिन 1 अक्टूबर, 2020 को पिता की मौत के बाद बच्ची काफी डिप्रेशन में आ गई थी.
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कुछ दिन बच्ची को डिप्रेशन में देखने के बाद बच्ची की मां ने उसका माहौल और हवा पानी बदलने के लिए अपने मुंह बोले भाई प्रेमोदय खाखा के घर उसके बच्चों के साथ रहने के लिए भेज दिया था, जिसके बाद सबसे पहले 31 अक्टूबर को पहली बार आरोपी निलंबित डिप्टी डायरेक्टर ने पानी में कुछ नशीली चीज मिलाकर उसको दी और उसके साथ रेप किया. आरोपी ने दोबारा फरवरी और मार्च में भी बच्ची से कई बार रेप की वारदात को अंजाम दिया.
मार्च में बच्ची के गर्भवती होने की संभावना के चलते आरोपी निलंबित डिप्टी डायरेक्टर की पत्नी सीमा खाखा ने अपने बेटे से गर्भनिरोधक गोली मंगाई और पीड़ित बच्ची को खिला दी. अप्रैल 2021 में बच्ची वापस अपनी मां के पास चली गई, लेकिन वो तबसे गुमसुम और मानसिक तनाव में रहने लगी, बीच-बीच में उसकी तबियत खराब होने लगी, उत्तरी जिले के नामी स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची ने मानसिक तनाव के चलते स्कूल छोड़ दिया और ओपन स्कूल से पढ़ाई शुरू कर दी.
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बीच में बच्ची की तबियत खराब होने की वजह से जब उसकी मां सेंट स्टीफन अस्पातल में साइक्लोजिकल टेस्ट करवाने पहुंची तब बच्ची ने काउंसलर को बताया कि उसके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किसी ने किया है. जब बच्ची के मन की मनोदशा में दबे एक राज को जानने की कोशिश में डॉक्टरों ने बच्ची की काउंसलिंग की तो बच्ची ने अलग-अलग लोगों की तरफ इशारा किया, एक के बाद एक करके बच्ची ने अपने 5 जानने वालों के नाम भी लिए.
लेकिन, उन 5 नामों को लेने के बाद बच्ची बात से पलट गई. उन पांचों लोगों को निर्दोष बताने के बाद बच्ची ने वो नाम लिया जिसको वो मामा कहकर बुलाती थी. बच्ची को लगातार पैनिक अटैक आ रहे थे. मानसिक हालत को जानने के लिए डॉक्टरों ने बच्ची को थैरेपी और काउंसलिंग देने के साथ उसका साइक्लोजिकल टेस्ट किया, जिसके बाद बच्ची ने डॉक्टरों को अपनी आपबीती बताई, बच्ची के साथ हुई हैवानियत की दर्दनाक कहानी सुनने के बाद डॉक्टरों ने पुलिस को 13 अगस्त को इसकी जानकारी दी.
पुलिस ने इस मामले की जानकारी मिलने के बाद निलंबित डिप्टी डायरेक्टर प्रीमोदय खाखा और उसकी पत्नी के खिलाफ, रेप, पोस्को समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी. बच्ची की मानसिक हालत ठीक नहीं होने की वजह से डॉक्टरों ने बच्ची के ब्यान दर्ज करने के लिए दो हफ्ते इंतजार करने को बोला, हालांकि पुलिस के आग्रह पर डॉक्टरों ने बच्ची का बयान उनकी मौजूदगी में अस्पताल में ही कराने को कहा, जिसके बाद सोमवार को बच्ची के मजिस्ट्रेट के सामने 164 के ब्यान दर्ज होने के बाद आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया.
हालांकि, बच्ची ने अपने 164 के ब्यान अभी तक एक दिन की वारदात को विस्तार से बताया लिहाजा बच्ची की तबियत की हालत को देखते हुए पुलिस बच्ची का दोबारा 164 के ब्यान दर्ज कराएगी. पुलिस ने सीमा खाखा को सोमवार को ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस आरोपी के कुछ साइंटिफिक टेस्ट भी कराने पर विचार कर रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा सबूत आरोपी के खिलाफ जुटा सके.
(इनपुटः असाइमेंट)