Who Is Surendra Pal Singh Bittu: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. उन्हें तिमारपुर सीट से टिकट मिल सकता है. जानें कौन हैं सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू, क्यों आप पार्टी में हुए शामिल.
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Surinder Pal Singh Bittoo: दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तिमारपुर सीट से दो बार विधायक रहे सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए. आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने सिंह का पार्टी में स्वागत किया और कहा कि विकास कार्यों में उनका अनुभव पार्टी की मदद करेगा.
सिसोदिया ने कहा, ‘‘शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में आप द्वारा जो बेहतर विकास कार्य किए गए हैं, उनसे प्रेरित होकर सिंह आज हमारी पार्टी में शामिल हो रहे हैं और मुझे विश्वास है कि उनका अनुभव पार्टी को अच्छा काम जारी रखने में मदद करेगा.’ पार्टी में शामिल होने के बाद सिंह ने कहा, ‘‘केवल एक ही पार्टी है जो आम लोगों की जरूरतों को सही मायने में समझती है और मैं आप के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करूंगा.’’
आम आदमी के दर्द को समझने वाली पार्टी है AAP- बिट्टू
पार्टी में शामिल होने के बाद बिट्टू ने कहा कि अगर कोई आम आदमी के दर्द को समझने वाली पार्टी है तो वो आम आदमी पार्टी है. हर छोटे से बड़े आदमी का दर्द सुनने वाले, गरीबों के मसीहा अरविंद केजरीवाल के कंधे से कंधे मिलाकर हम सभी दिल्ली को आगे बढाएंगे.
कौन हैं सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू?
सिसोदिया ने कहा, मैं सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू जी का आम आदमी पार्टी में स्वागत करता हूं. मुझे खुशी है कि इन्होंने अरविंद केजरीवाल की सरकार से प्रभावित होकर आम आदमी पार्टी में शामिल होने का फैसला किया है क्योंकि आम आदमी पार्टी ही एकमात्र पार्टी है, जो सिर्फ आम आदमी के लिए काम करती है. बिट्टू जी दो बार के विधायक रह चुके हैं और निगम पार्षद रह चुके हैं.
सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू क्यों हुए आप पार्टी में शामिल?
अब माना जा रहा है कि आप उन्हें फिर से इसी सीट से टिकट देकर आगामी चुनाव में उतार सकती है. दरअसल आज ही (शुक्रवार, 6 दिसंबर) आप नेता दिलीप पांडेय ने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ''मेरे लिए राजनीति में बने रहने का कुल संतोष यही रहा है कि हमारी सरकार की वजह से बहुत सारे आम लोग और गरीब लोगों का जीवन आसान हुआ. बहुत सारे बच्चों की ज़िंदगी के बेहतर होने की संभावनाएं प्रबल हुईं. राजनीति में पहले संगठन निर्माण और फिर चुनाव लड़ने के दायित्व का निर्वहन करने बाद, अब समय है AAP में ही रह कर कुछ और करने का.'' दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं और 2020 के चुनावों में 70 में से 62 सीट जीतने वाली आप इस बार भी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की उम्मीद कर रही है.