Cyclone Dana Landfall Time: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में जनजीवन इस तूफान की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. लोग अपने घर के भीतर ही दुबके रहे. सड़कों पर भी बेहद ही कम वाहन नजर आए. बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर भी लोगों की आवाजाही कम दिखी.
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Cyclone Dana: चक्रवाती तूफान दाना बंगाल और ओडिशा के तट के करीब पहुंच गया है और कोलकाता से 350 किमी दूर उत्तरी ओडिशा के भीतरकनिका और धामरा में इसके गुरुवार रात 2 बजे लैंडफॉल होने की उम्मीद है.
बताया जा रहा है कि इस दौरान करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी. बुधवार को ही ओडिशा में खतरनाक इलाकों से 3-4 लाख लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जबकि बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सभी संचालन गुरुवार शाम 5 बजे से शुक्रवार सुबह 9 बजे तक रोक दिए गए हैं. गुरुवार को शाम 6 बजे से लेकर अगले 15 घंटे तक कोलकाता एयरपोर्ट्स पर भी तमाम विमान संचालन रोक दिए गए हैं.
लोगों में दिखा दाना का खौफ
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में जनजीवन इस तूफान की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. लोग अपने घर के भीतर ही दुबके रहे. सड़कों पर भी बेहद ही कम वाहन नजर आए. बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर भी लोगों की आवाजाही कम दिखी. बेहद व्यस्त भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भी कुछ ही यात्री नजर आए क्योंकि ईस्ट कोस्ट रेलवे ने करीब 203 ट्रेनों को रद्द कर दिया है. कुछ यात्रियों ने स्टेशन पर ही शरण ले रखी है.
राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने एक समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्राकृतिक आपदा से एक भी व्यक्ति हताहत नहीं हो. मौसम विभाग ने कहा कि चक्रवात के शुक्रवार तड़के ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा बंदरगाह के बीच पहुंचने का अनुमान है और हवा की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक तक रह सकती है.
IMD ने क्या दिया अपडेट?
आईएमडी ने अपने लेटेस्ट बुलेटिन में कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवाती तूफान दाना पिछले छह घंटे के दौरान 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा है और यह पारादीप (ओडिशा) से लगभग 210 किलोमीटर दक्षिणपूर्व, धामरा (ओडिशा) से 240 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) से 310 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है.
IMD ने बताया, 'चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 24 अक्टूबर की मध्य रात्रि से 25 अक्टूबर की सुबह तक पुरी और सागर द्वीप के बीच उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट को पार करने का अनुमान है और इस दौरान हवा की रफ्तार 100-110 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है जो बढ़कर 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है.
अधिकारियों ने बताया कि बालासोर, भद्रक, भितरकनिका और पुरी के कुछ इलाकों से पेड़ उखड़ने की खबरें मिली हैं, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. माझी ने बताया कि करीब तीन लाख लोगों को विभिन्न चक्रवात आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया है और यह अभियान जारी है. अब तक कुल 7,285 चक्रवात आश्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं और 91 चिकित्सा दल तैनात किए गए हैं.
एक्शन में एजेंसियां
अधिकारियों ने बताया कि लोगों को ट्रांसफर करने और अवरुद्ध सड़कों को साफ करने के लिए अधिकारियों ने एनडीआरएफ के 19 दल, ओडीआरएएफ के 51 दल और अग्निशमन सेवा कर्मियों को भी लगाया है. मौसम विभाग ने बताया कि पिछले चार घंटों में पारादीप में सबसे अधिक 62 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि केंद्रपाड़ा जिले के राजनगर में 24 मिलीमीटर बारिश हुई. उसने बताया कि दिन के दौरान भद्रक, बालासोर, जाजपुर, कटक, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और पुरी जिलों के कुछ हिस्सों में 30-40 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से हवा चलने के साथ मध्यम से तीव्र बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है.
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, 'गंभीर चक्रवाती तूफान के बाद में थोड़ा पश्चिम और पश्चिम-दक्षिण दिशा में मुड़ने की संभावना है, जिससे 26 अक्टूबर के आसपास दक्षिणी ओडिशा में बारिश हो सकती है. हालांकि, तूफान के पहुंचने और हवा की गति के पूर्वानुमान अपरिवर्तित हैं.'
इस बीच, आईएमडी ने बृहस्पतिवार को सात जिलों - मयूरभंज, कटक, जाजपुर, बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए 'लाल चेतावनी’ (कार्रवाई करें) जारी की है. इस अवधि के लिए पुरी, खुर्दा, नयागढ़ और ढेंकनाल सहित पांच जिलों में भारी बारिश के लिए 'नारंगी चेतावनी' (कार्रवाई करने के लिए तैयार रहें) जारी की गई है.
सुरक्षित स्थान पर भेजे जाएंगे बंगाल के लोग
वहीं ममता सरकार ने दाना के मद्देनजर राज्य के निचले इलाकों में रहने वाले 3.5 लाख लोगों की पहचान की है जिन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा. बनर्जी ने लोगों से एहतियाती कदम उठाने और प्रशासन-पुलिस के साथ सहयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि 2,43,374 लोगों ने शिविरों में शरण ली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बृहस्पतिवार की पूरी रात राज्य सचिवालय में रहेंगी और व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रखेंगी. उन्होंने कहा कि निगरानी और सूचना साझा करने के लिए 24 घंटे और सातों दिन काम करने वाली हेल्पलाइन और कुछ संबंधित फोन नंबर चालू किए गए हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)