Chirag Paswan: 'जहर खा लूंगा लेकिन BJP के साथ नहीं जाऊंगा', जब अड़ गए थे रामविलास; फिर चिराग ने कैसे मनाया
Advertisement
trendingNow12339161

Chirag Paswan: 'जहर खा लूंगा लेकिन BJP के साथ नहीं जाऊंगा', जब अड़ गए थे रामविलास; फिर चिराग ने कैसे मनाया

Chirag Paswan on RJD: एलजेपी नेता चिरास पासवान ने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान यूपीए के साथ ही बने रहना चाहते थे. उन्होंने साफ कह दिया था कि मर जाऊंगा लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा. 

 

Chirag Paswan: 'जहर खा लूंगा लेकिन BJP के साथ नहीं जाऊंगा', जब अड़ गए थे रामविलास; फिर चिराग ने कैसे मनाया

Chirag Paswan on Congress: हालिया लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी LJP की शानदार जीत के साथ चिराग पासवान अब मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बन चुके हैं. उन्होंने 10 साल बाद अब उन वजहों का खुलासा किया है, जिनकी वजह से उनके पिता रामविलास पासवान को यूपीए छोड़कर एनडीए से नाता जोड़ना पड़ा. उन्होंने कहा कि उनके पिता यूपीए में रहना चाहते थे और कुछ मुद्दों पर कांग्रेस से स्पष्टता चाहते थे लेकिन राहुल गांधी के रवैये ने सब कुछ पटरी से उतार दिया.

'राहुल से पापा की बैठक नहीं हो सकी'

चिराग पासवान ने कहा कि उनके पिता राहुल गांधी से बात करना चाहते थे लेकिन उनकी राहुल से एक भी बैठक नहीं हो सकी. स्पष्टता की इस कमी ने उनके पिता को निराश कर दिया, जिसके बाद उन्हें वैकल्पिक गठबंधनों पर विचार करने के लिए प्रेरित होना पड़ा. एक इंटरव्यू में एलजेपी प्रमुख ने बताया कि वे चाहते थे कि उनकी पार्टी बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन से नाता जोड़े, जबकि पापा इसके खिलाफ थे. उन्हें इस बात को मनाने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी. 

पुराने दिनों को याद करते हुए चिराग पासवान ने बताया, 'मेरे पिता यूपीए के साथ सहज थे और किसी अन्य गठबंधन पर विचार करने के लिए तैयार नहीं थे. वे इसे जारी रखना चाहते थे. मुझे याद है कि अक्टूबर या नवंबर 2013 में, मैंने अपने पिता से कहा था कि हमें वैकल्पिक गठबंधनों के बारे में भी सोचना चाहिए. तब पापा ने पूछा था कि विकल्प क्या हैं? मैंने कहा बीजेपी. इस पर वे बिफर गए और कहा कि वे जहर खा लेंगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. इसके बाद कई महीनों तक मुझमें उनसे बात करने की हिम्मत नहीं थी.' 

'आरजेडी नेता हमारा मजाक उड़ाते थे'

पासवान ने आगे बताया, जब मुझे पार्टी के संसदीय बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई, तो पता चला कि पार्टी के दूसरे सदस्य भी दूसरे गठबंधन के साथ जाना चाहते हैं. इससे मुझे एहसास हुआ कि हर कोई एक वैकल्पिक गठबंधन के साथ जाना चाहता था, कांग्रेस के कारण नहीं बल्कि लालू प्रसाद यादव और राजद के कारण. कई पार्टी नेताओं की राय थी कि हमें एक वैकल्पिक गठबंधन पर विचार करना चाहिए. 

यूपीए गठबंधन में आरजेडी के साथ अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए पासवान ने कहा कि वे उस गठबंधन में एकदम किनारे कर दिए गए थे. आरजेडी में कई नेता थे, जो हमारा मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि हमें 2.5 सीटें मिलनी चाहिए - एक मेरे पिता को, एक मेरे चाचा को और आधी सीट मुझे. राजद की ओर से इस तरह के कई अपमानजनक बयान आते थे." 

'कांग्रेस के रवैये से पापा हो गए थे परेशान'

एलजेपी प्रमुख ने अपने पिता और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के बीच हुई मुलाकात के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, 'पापा उस समय सोनिया गांधी से मिलते रहते थे. सोनिया गांधी चाहती थीं कि पापा राहुल गांधी से भी मिलें. लेकिन किसी तरह वह मुलाकात नहीं हो पाई.'

चिराग ने कहा, 'हम दोनों कभी राहुल गांधी से नहीं मिले. हम सोनिया गांधी से तीन बार मिले और तीनों बार उन्होंने राहुल गांधी से मिलने और वहां से चीजें आगे बढ़ने के बारे में बात की. लेकिन वह मुलाकात कभी नहीं हो पाई. इससे पापा परेशान रहने लगे. एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि तुम वैकल्पिक गठबंधन की बात कर रहे थे. अगर करनी है तो करो लेकिन मैं खुद बात नहीं करूंगा. इसके बाद मैंने रविशंकर प्रसाद और शाहनवाज हुसैन से बात की और फिर गठबंधन की सहमति बन गई.' 

'पीएम मोदी के भाषणों ने मुझे प्रभावित किया'

पीएम मोदी के साथ अपनी खास बॉन्डिंग पर भी चिराग खुलकर बोले. उन्होंने कहा, मैंने अपने और अपने प्रधान मंत्री के बीच संबंधों के बारे में बहुत सारे ताने सुने हैं. मैंने कई बातें सुनी हैं - यह एकतरफा प्यार और अन्य चीजें हैं. लेकिन सच बात ये है कि पीएम मोदी के शब्द और उनके भाषणों ने मुझे बहुत प्रभावित किया था और मैं चाहता था कि हम उनके साथ गठबंधन में जाएं.' 

(एजेंसी एएनआई)

 

Trending news