CDO सौम्या पांडेय की वायरल हुई तस्वीर, बुजुर्ग के साथ ऐसा व्यवहार देख सभी रह गए हैरान
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CDO सौम्या पांडेय की वायरल हुई तस्वीर, बुजुर्ग के साथ ऐसा व्यवहार देख सभी रह गए हैरान

Kanpur dehat: जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर अमरोहा नगर पंचायत निवासी वृद्ध धनीराम दोनों पैरों से विकलांग है. उन्होंने समाज कल्याण विभाग में ट्राई साइकिल के लिए आवेदन किया था. मगर कोई उत्तर ना आने पर काफी दिनों से सरकारी ऑफिस के चक्कर लगा रहे थे.

सीडीओ सौम्या पांडेय

Viral photo: कानपुर देहात की सीडीओ सौम्या पांडेय आए दिन अपने किसी न किसी काम की वजह से चर्चा में बनी रहती है. इस बार उनकी एक फोटो बुजुर्ग के साथ वायरल हुई है. इस फोटो को देखकर लोगों ने उनकी जमकर सराहना की. सौम्या पांडेय अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरों की वजह से छाई रहती है, मगर अबकी बार जो तस्वीर वायरल हुई है उसमें वह एक बुजुर्ग के साथ उसके बराबर पर सड़क पर बैठी हुई है. एक अधिकारी का इस तरह से बैठना सबको हैरान कर रहा है, मगर वह नीचे बैठकर उस बुजुर्ग की समस्या जानने का प्रयास कर रही है और उन्होंने उसे हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया है.

ट्राई साइकिल के लिए भरा था फॉर्म
जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर अमरोहा नगर पंचायत निवासी वृद्ध धनीराम दोनों पैरों से विकलांग है. उन्होंने समाज कल्याण विभाग में ट्राई साइकिल के लिए आवेदन किया था. मगर कोई उत्तर ना आने पर काफी दिनों से सरकारी ऑफिस के चक्कर लगा रहे थे. शुक्रवार को वे मुख्यालय के विकास भवन स्थित समाज कल्याण विभाग गए थे, मगर वहां भी उन्हें मायूसी मिली. इसके बाद धनीराम निकलकर अपने घर की तरफ जा रहे थे.

उसी दौरान सामने से आ रही मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडेय ने उन्हें देखा और गाड़ी रूकवाई, फिर उनके पास गई. धनीराम से सौम्या पांडेय ने उनकी समस्या पूछी. इसके बाद उन्होंने तत्काल अधिकारियों को उनकी मदद करने के निर्देश दिए. सौम्या पांडेय ने बुजुर्ग को आश्वासन दिया कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी. सीडीओ को जमीन पर बैठा देख बुजुर्ग धनीराम भी काफी भावुक हो गए. धनीराम ने बताया कि उन्होंने 3 महीने पहले ट्राई साइकिल के लिए आवेदन किया था, मगर साइकिल नहीं मिली. सरकारी दफ्तर से भी इनकी कोई मदद नहीं की गई.

कई बार चर्चा में रह चुकी है सौम्या पांडेय
स्वच्छ भारत मिशन के तहत कानपुर देहात के सभी ब्लॉकों के ग्राम पंचायतों को साफ, सुंदर बनाने के लिए करोड़ों के कार्य होने थे, जिनमें गांव की नालियों और कूड़ा निस्तारण के लिए गड्ढे बने थे. मगर आरोप है कि मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने इस सरकारी धन का गबन किया. इस मामले में शासन स्तर पर शिकायत की गई तो जांच के बाद तत्कालीन डीपीआरओ को सस्पेंड करते हुए स्वच्छ भारत मिशन में कार्य कर रही एजेंसियों को भी हटाया गया. जिले में विकास की जिम्मेदारी मुख्य विकास अधिकारी की होती है.

इस पूरे मामले में सौम्या पांडेय पर भी कई आरोप लगे थे. 3 महीने पहले एक मामला सामने आया था. दिव्यांग मां अपने मासूम बेटे के साथ उत्तर प्रदेश में विकास भवन पहुंची थी. तब सीडीओ, महिला व उसके बच्चे को देखते हुए अपने दफ्तर चली गई थी. उस दौरान ये मामला काफी चर्चा में रहा था.

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