Zee Exclusive: खालिस्तानी आतंकियों के लिए कनाडा में एंट्री फ्री? चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने
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Zee Exclusive: खालिस्तानी आतंकियों के लिए कनाडा में एंट्री फ्री? चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने

Khalistan terrorists: कनाडा की सरकार पर बीते कई सालों से खालिस्तानी उग्रवादियों और आतंकियों को शरण देने के आरोप लग रहे हैं. बाकायदा कनाडा पर यह आरोप लग रहे हैं कि वो आज खालिस्तान का एक लॉन्च पैड बन चुका है. ऐसे में Zee News को Canada की सरकार ने एक चौकाने वाली जानकारी दी है.

Zee Exclusive: खालिस्तानी आतंकियों के लिए कनाडा में एंट्री फ्री? चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने

Khalistan terrorists: कनाडा की सरकार पर बीते कई सालों से खालिस्तानी उग्रवादियों और आतंकियों को शरण देने के आरोप लग रहे हैं. बाकायदा कनाडा पर यह आरोप लग रहे हैं कि वो आज खालिस्तान का एक लॉन्च पैड बन चुका है. ऐसे में Zee News को Canada की सरकार ने एक चौकाने वाली जानकारी दी है. कनाडा के Immigration and Refuge Board (IRB) ने Zee News को Exclusive जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल 2022 में कुल 798 खालिस्तानी आतंकियों (Khalistani Militants) ने कनाडा से राजनैतिक शरण मांगी थी. 

कनाडा की सरकार के Immigration and Refuge Board (IRB) की प्रवक्ता एना पेप द्वारा Zee News को भारतियों द्वारा राजनैतिक शरण के साल 2013 से 2022 तक के Exclusive डेटा के मुताबिक साल 2019 में महज 34 खालिस्तानी आतंकियों द्वारा कनाडा में राजनैतिक शरण मांगी गई थी. यानी 2019 के मुकाबले 2022 में खालिस्तानी आतंकियो के राजनैतिक शरण के मामले में लगभग 23 गुना उछाल हुआ है. Zee News को दिए डेटा में कनाडा की सरकार ने खालिस्तानी आतंकियों के लिए Sikh-Militants शब्द का इस्तेमाल किया है. ZEE NEWS को दिए गए कनाडा की सरकार के इस EXCLUSIVE डेटा के मुताबिक खालिस्तानी आतंकियों के अलावा साल 2022 में भारत विरोधी 662 आतंकियों (Militants) ने कनाडा से राजनैतिक शरण की मांग की थी, जबकि 2019 में यह गिनती महज 29 थी. यानी 2019 के मुकाबले भारत विरोधी आतंकियों की भी गिनती में साल 2022 में 23 गुना इजाफा हुआ है.

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कनाडा की सरकार के मुताबिक यह दोनो आंकड़े उन लोगों के हैं जो राजनैतिक शरण मांगते समय खुद बताते हैं कि भारत मे उन पर खालिस्तान के समर्थन में आतंकवाद या फिर आतंकवाद के आरोप हैं और अगर वो भारत वापस गए तो उन पर भारत की पुलिस या सरकार कार्रवाई करेगी.

कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों द्वारा राजनैतिक शरण के बढ़ते मामले उस भारत विरोधी Modus Operandi का हिस्सा हैं जिसका खुलासा Zee News ने बीते 5 अप्रैल को किया था और देश के सामने बताया था कि कैसे एक Modus Operandi के तहत खालिस्तानियों को विदेशों में राजनैतिक शरण दिलवा कर बसाया जा रहा है और भारत विरोधी कृत्य से लेकर भारत मे आतंक की फंडिंग करवाई जा रही है.

Canada की सरकार द्वारा Zee News को दिए गए 10वर्ष के राजनैतिक शरण के Exclusive डेटा की अगर गौर से पड़ताल करें तो कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों द्वारा राजनैतिक शरण के मामलों में बढ़ोतरी की शुरुआत 2021 में हुई थी. जहाँ वर्ष 2013 से 2020 तक औसतन 30 से 65 खालिस्तानी आतंकी हर साल कनाडा से राजनैतिक शरण मांगते थे तो साल 2021 में यह संख्या औसत से दो-तीन गुना बढ़ कर 134 हो गयी थी.

सूत्रों के मुताबिक Zee News को कनाडा की सरकार द्वारा दिये गए डेटा में वर्ष 2021 से खालिस्तानी आतंकियों के राजनैतिक शरण के मामलों में तेजी दिख रही है उसकी जड़ किसान आंदोलन है, जिसका फायदा उठाने के लिए ही विदेशों में बसे गुरपतवंत सिंह पन्नू, हरदीप सिंह निज्जर जैसे भारत के MOST WANTED खालिस्तानी आतंकियों की राजनैतिक शरण वाली इस Modus Operandi की शुरुआत की थी और इसका प्रमुख उद्देश्य विदेशों में अपने भारत विरोधी अभियानों को तेज करना,भारत के उच्चायोगों के बाहर आये दिन प्रदर्शन करना, भारत के झंडे का अपमान, विदेशों में बने मन्दिरों में तोड़फोड़ करना और आतंकियों द्वारा पंजाब को भारत से अलग करने के लिए चलाये जा रहे Referendum में ज्यादा से ज्यादा वोट दिखाना था.

इतना ही नहीं अपनी इस MODUS OPERNDI के तहत भारत विरोधी अभियानों को तेज करने और ज्यादा संख्याबल इकट्ठा करने के लिए ये आतंकी संगठन ज्यादा से ज्यादा खालिस्तानी समर्थकों जिनके खिलाफ भारत मे मामले दर्ज हैं, उन्हें विदेशों में खासतौर से Canada में एक MODUS OPERANDI के तहत राजनैतिक शरण दिलवाने में मदद कर रहे हैं, जिससे विदेशी मीडिया और पश्चिमी देशों को दिखाया जा सके कि भारतीय सिख, भारत के खिलाफ है और अलग खालिस्तान देश चाहता है.

विशेषज्ञों के मुताबिक यही कारण है साल 2021 से कनाडा समेत अन्य पश्चिमी देशों में खालिस्तानियों के प्रदर्शन ना सिर्फ विदेशों में तेज हुए हैं बल्कि इनके प्रदर्शनों में भीड़ भी अच्छी खासी आने लगी है क्योंकि यह भीड़ इनके द्वारा भारत से खालिस्तानी समर्थकों को विदेशों में राजनैतिक शरण दिलवा कर इकट्ठा की जा रही है.

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