Bettiah News: बेतिया में पीनू डॉन का सिक्का चलता है. पुलिस पीनू डॉन के खिलाफ वारंट जारी कर रही थी. मगर, वह कब कोर्ट पहुंच गए इसकी भनक पुलिस को तनक भी नहीं हुई. पीनू डॉन के लिए पुलिस बेतिया कचहरी खंगालती है और खुद को खाली हाथ पाती है.
Trending Photos
West Champaran: पीनू डॉन की तलाश पश्चिम चंपारण जिले की कई थाना पुलिस कर रही है पर लगता है कि पीनू डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि पीनू डॉन बुधवार शाम को बेतिया व्यवहार न्यायालय में सीजेएम कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे, लेकिन कोर्ट ने समय का हवाला देते हुए सरेंडर लेने से मना कर दिया. इसके बाद पुलिस पीनू डॉन को गिरफ्तार करने पहुंची लेकिन पीनू डॉन तो मिस्टर इंडिया बन चुके थे. पुलिस कोर्ट परिसर में खाक छानती रही लेकिन पीनू डॉन हाथ नहीं लगा. बेतिया कोर्ट के वकीलों ने बताया कि चूंकि कोई भी अपराधी 4:30 बजे तक ही सरेंडर कर सकता है और पीनू डॉन 5:51 बजे कोर्ट पहुंचे थे. इसलिए उनका सरेंडर स्वीकार नहीं किया गया. अगर पुलिस चौकसी बरतती तो पीनू डॉन को कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर सकती थी, लेकिन पीनू डॉन पुलिस को चकमा देकर भाग निकलने में कामयाब रहा. अब इस मामले में पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही है. यहां तक कि इस मामले में बात करने के लिए किसी बड़े पुलिस अधिकारी का फोन तक नहीं रिसीव हो रहा है.
कोर्ट कचहरी परिसर से भी डॉन का गायब होना पुलिस की तैयारी पर सवालिया निशान लगाता है. पीनू डॉन को पकड़ने के लिए पुलिस को फूलप्रूफ प्लानिंग के साथ जाना चाहिए था, जो पुलिस ने नहीं किया और पीनू डॉन कोर्ट जैसे सुरक्षित परिसर में बच निकलने में कामयाब रहा. पीनू डॉन को पकड़ना कितना मुश्किल है, यह जानते हुए भी पुलिस की लापरवाही समझ से परे है.
पीनू डॉन का मामला सुर्खियों में तब आया है, जब उस पर आरोप लगा कि शिवपूजन महतो नाम के किसी व्यक्ति का अपहरण कर उसकी जमीन अपने नाम करवा लिया गया है. इस मामले का सीसीटीवी फुटेज मीडिया की सुर्खियों में आया और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में एक प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की थी.
यह भी पढ़ें:मि. इंडिया हो गए पीनू डॉन,सरेंडर करने पर कोर्ट ने समय का हवाला देकर लेने से मना किया
ताज्जुब की बात यह है कि बुधवार दोपहर से ही कोर्ट परिसर में इस बात को लेकर गहमागहमी थी कि पीनू डॉन सरेंडर कर सकता है. बेतिया पुलिस को तभी सजग हो जाना चाहिए था. पीनू डॉन सरेंडर करने के लिए नियत समय के बाद पहुंचे तो कोर्ट ने न्यायिक हिरासत लेने से मना कर दिया. अगर पुलिस चौकसी बरतती तो तभी पीनू डॉन को गिरफ्तार कर सकती थी, लेकिन जब तक पुलिस वहां पहुंची पीनू डॉन लापता हो जाते हैं. फिर यह क्यों न कहा जाए कि पीनू डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है.
इनपुट: धनंजय द्विवेदी
यह भी पढ़ें:पीनू डॉन को कैसे मिला पिस्टल का लाइसेंस? विधायक ने की जांच की मांग
बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें!यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi हर पल की जानकारी.बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार.जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!