Prashant Kishor ने 15वें दिन BPSC अभ्यर्थियों के हाथों तोड़ा आमरण अनशन, कहा- सत्याग्रह का हुआ आगाज
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Prashant Kishor ने 15वें दिन BPSC अभ्यर्थियों के हाथों तोड़ा आमरण अनशन, कहा- सत्याग्रह का हुआ आगाज

प्रशांत किशोर ने 14 दिन के आमरण अनशन के बाद आज अपना अनशन समाप्त किया और कहा की आज से सत्याग्रह की शुरुआत हुई है. इस दौरान उन्होंने गंगा नदी में स्नान करने के बाद हवन किया और छात्रों के समर्थन में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ छात्रों का नहीं, बल्कि पूरे बिहार के समाज का संघर्ष है.

Prashant Kishor

पटना: जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अपने 14वें दिन का आमरण अनशन समाप्त कर दिया और इसके बाद उन्होंने गांधी जी के रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हुए सत्याग्रह की शुरुआत की. इससे पहले, प्रशांत किशोर ने पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई, फिर हवन किया और मंच पर पहुंचकर छात्रों से मुलाकात की. छात्रों ने पहले उन्हें पानी पिलाया, फिर सेब और केला खिलाया और अंत में जूस भी पिलाया.

प्रशांत किशोर ने मंच से अपनी बात रखते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह कोई रैली या प्रदर्शन नहीं है, बल्कि छात्रों के संघर्ष का समर्थन करने के लिए जनसुराज परिवार की ओर से एक प्रयास था. उन्होंने बताया कि 29 तारीख को उनके भरोसे पर छात्र इकट्ठा हुए थे और उन्होंने पुलिस से वादा किया था कि अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज नहीं होगा, लेकिन प्रशासन ने उनका भरोसा तोड़ा और बच्चों पर लाठीचार्ज किया.

पीके ने कहा कि 2 तारीख से उन्होंने आमरण अनशन शुरू किया था, लेकिन राज्यपाल और मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद भी सरकार ने इस मुद्दे का समाधान नहीं निकाला. उन्होंने न्यायालय से उम्मीद जताई कि छात्रों को न्याय मिलेगा, क्योंकि इस पूरे प्रकरण पर सुनवाई शुरू हो चुकी है और जल्द ही फैसला आ सकता है.

प्रशांत किशोर ने कहा कि गांधी मैदान में जो घटनाएं घटीं, वे सबके सामने हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब सिर्फ छात्रों की लड़ाई नहीं लड़ी जाएगी, बल्कि बिहार में गांधी जी के बताए रास्ते पर चलने की आवश्यकता है. इसलिये उन्होंने सत्याग्रह की शुरुआत की है. उन्होंने इस सत्याग्रह को 'विहार सत्याग्रह आश्रम' का नाम दिया और यह आश्रम बिहार के समाज के हर उस वर्ग का प्रतिनिधि बनेगा, जिसके साथ व्यवस्था ने अन्याय किया है.

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि इस आश्रम में आने वाले 8 हफ्तों में एक लाख युवाओं को सत्याग्रह की ताकत के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे बिहार के समाज को जागरूक कर सकें. साथ ही, उन्होंने गांधी जी की मूर्ति का भी उल्लेख किया, जिसे सरकार ने हटवाया था. पीके ने कहा कि यह मूर्ति बिहार के बच्चों ने बनवायी थी और इसका उद्देश्य बिहार के समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाना था.

प्रशांत किशोर के इस कदम से यह साफ हो गया है कि वह अब सिर्फ छात्रों का समर्थन करने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि बिहार के हर वर्ग की आवाज़ बनने की दिशा में काम करेंगे.

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