विराट कोहली हुए इस खिलाड़ी के फैन, बैलेस्टिक मिसाइल से कर दी तुलना
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विराट कोहली हुए इस खिलाड़ी के फैन, बैलेस्टिक मिसाइल से कर दी तुलना

दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली को सूर्यकुमार यादव के साथ बल्लेबाजी करते समय सहायक भूमिका निभाने में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि टीम का उनका युवा साथी बल्लेबाज जोखिम उठा कर खेलने के लिए तैयार है.

 (फाइल फोटो)

Ranchi: दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली को सूर्यकुमार यादव के साथ बल्लेबाजी करते समय सहायक भूमिका निभाने में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि टीम का उनका युवा साथी बल्लेबाज जोखिम उठा कर खेलने के लिए तैयार है. खास बात यह हैं खुद सूर्यकुमार ने कोहली को अपने तरीके से खेलने का सुझाव दिया और यह तरीका अतीत में टीम के लिए फायदेमंद रहा है.

सूर्यकुमार हैं बैलेस्टिक मिसाइल

कोहली ने सूर्यकुमार को बैलेस्टिक (एक प्रकार का मिसाइल) करार देते हुए कहा, एसकेवाई (सूर्यकुमार) के साथ बल्लेबाजी करना शानदार रहा है. भारत के इस पूर्व कप्तान ने कहा,  उसके कौशल और क्षमता के कारण साथ में बल्लेबाजी करने में बहुत मजा आता है. वह सिर्फ यह पूछता है कि गेंद विकेट से कैसे आ रही है और फिर, दो-तीन गेंदों के भीतर परिस्थितियों को समझ कर उसके मुताबिक खेलता है.

कोहली ने कहा,  'दोनों की साझेदारी में वह खुद जोखिम उठाने के साथ चाहता है कि मैं बस क्रीज पर एक छोर से खड़ा रहूं. ऐसे में जब मैं उसके साथ बल्लेबाजी करता हूं तो मैं अलग तरह की भूमिका निभाता हूं. मैं इस भूमिका का लुत्फ उठाता हूं क्योंकि यह टीम के लिए फायदेमंद रहता है.'

टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ मैच पूर्व संध्या पर रोहित के साथ तालमेल के बारे में पूछे जाने पर कोहली ने कहा,  हमारी चर्चा हमेशा इस बात पर होती है कि हम बड़े टूर्नामेंट कैसे जीतें और हम उसी के मुताबिक योजना बनाते हैं और तैयारी करते हैं. जब से मैं टीम में वापस आया हूं, माहौल बहुत अच्छा है. 

कोहली ने वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे दौरे से ब्रेक (विश्राम) लिया था और छह सप्ताह तक खेल से दूर रहने के बाद उन्होंने वापसी का जश्न एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ शतक लगाकर मनाया. कोहली ने लगभग तीन साल के बाद यह शतक जड़ा था. उन्होंने कहा,  जब टीम के अंदर अच्छा माहौल होता है तो आप कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं. इसलिए हमारी समझ और खेल के प्रति नजरिया हमेशा एक जैसा रहा है. उन्होंने कहा, हम हमेशा खामियों को दूर करने की दिशा में काम करते हैं, चाहे वे कितनी भी छोटी हों. हम ऐसे पहलुओं को मजबूत करते हैं और आगे बढ़ते हैं.

(इनपुट: भाषा)

 

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