92 साल की उम्र में आज तक नहीं डाला था एक बार भी वोट, निर्वाचन अधिकारी की पड़ी नजर और फिर...
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92 साल की उम्र में आज तक नहीं डाला था एक बार भी वोट, निर्वाचन अधिकारी की पड़ी नजर और फिर...

Jharkhand Lok Sabha Election: सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश मे अगर जनता अपने मताधिकार का उपयोग ही ना कर सके तो ये इस देश की विडंबना हैं. कहते हैं कि एक जनतांत्रिक प्रणाली में जितने अधिक लोग मताधिकार का प्रयोग करते है वो समाज और देश उतना सशक्त होता हैं. 

92 साल की उम्र में आज तक नहीं डाला था एक बार भी वोट

रांचीः Jharkhand Lok Sabha Election: सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश मे अगर जनता अपने मताधिकार का उपयोग ही ना कर सके तो ये इस देश की विडंबना हैं. कहते हैं कि एक जनतांत्रिक प्रणाली में जितने अधिक लोग मताधिकार का प्रयोग करते है वो समाज और देश उतना सशक्त होता हैं. साहिबगंज जिले के मंडरो प्रखंड के रहने वाले खलील का दुर्भाग्य देखिये कि उसने 92 वर्ष की उम्र तक एक भी बार मतदान नहीं किया. उसे अपने मताधिकार का मूल्य तो पता था लेकिन सरकारी अव्यवस्था और सामाजिक क्रूरता के वजह से वो कभी अपने मतों का प्रयोग नहीं कर पाया.

खलील बताते हैं कि कई दफा वोटिंग बूथ पर तो गए. लेकिन वहां अधिकारियों से डाट फटकार के बाद उन्हें मजबूरन वापस लौटना पड़ता था. खलील आगे बताते हैं कि अन्य लोगों को वोटिंग देते देखा कई दफा आंखों में आंसू भी आ जाते है कि सभी अपने हक से अपनी सरकार चुन रहे है. लेकिन मुझे मेरा हक नहीं मिल पाता है. खलील ने आगे बताया कि उनकी जिंदगी के 92 वर्ष निकल गए पर आज तक उनका वोटर कार्ड नहीं बन पाया. उनकी इच्छा है कि इस साल वोटिंग करे. अगर वोटर कार्ड बनता है तो इस बार चुनाव में वोट करेंगे.

खलील के पड़ोस के लोग कहते हैं कि कई दफा उन्हें वोटिंग करने की इच्छा होती थी लेकिन नहीं हो पाता था. उन्होंने कहा कि खलील दोनों ही आंखों से दिव्यांग है. इस वजह से वह देख भी नहीं पाते तो अधिकारियों के पास जा भी नहीं पाते हैं. कई दफा वोटर कार्ड बनाने का प्रयास किया गया था लेकिन वह सफल नहीं हुआ. इधर खलील को अपने मतों का प्रयोग नहीं कर पाने पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि खलील 92 वर्ष का एक बुजुर्ग हैं. जिसके घर में कोई नहीं है और वो अपनी आंखों से दिव्यांग हैं. 

उन्होंने आगे बताया कि कुछ दिनों तक वो बिहार में भी था. शायद यही कारण रहा है कि उसका वोटर कार्ड नहीं बन पाया. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान मुझे जब उसके बारे में सूचना मिली थी तो मैं उसके पास गया था. खलील ने हमारे पास यह भी कहा था कि वह दोनों आंखों से दिव्यांग है तो आखिर कैसे वह मतों का प्रयोग करेंगे. इसके बाद हमने उसे सब कुछ बताया है और उनका निबंधन कराया गया है. इस बार वह अपने मतों का प्रयोग कर पाएंगे.
इनपुट- आयुष कुमार सिंह, रांची 

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