झारखंड में बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के मरीज, स्वास्थ्य विभाग ने उठाया ये कदम
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झारखंड में बढ़ रहे स्वाइन फ्लू के मरीज, स्वास्थ्य विभाग ने उठाया ये कदम

एक सप्ताह पहले जिला सर्विलांस विभाग की टीम ने शहर के अस्पतालों से कुल 20 संदिग्ध मरीजों का नमूना जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा था. बुधवार को जांच रिपोर्ट आ गई, जिसमें 8 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है.

 

जमशेदपुर में 20 मरीजों के सैंपल की जांच में 8 में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है.

रांची: Swine Flu: झारखंड के पांच जिलों में पिछले एक पखवाड़े के दौरान स्वाइन फ्लू के डेढ़ दर्जन से ज्यादा मरीज पाये गये हैं. हालांकि इनमें से कई मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. जमशेदपुर में सबसे ज्यादा एक दर्जन मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है. 

राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रिम्स में 15 और रांची के सदर हॉस्पिटल में 5 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है. जमशेदपुर में 20 मरीजों के सैंपल की जांच में 8 में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. इसमें 5 मरीज पांच मरीज कदमा, मानगो, डिमना रोड, साकची और एग्रिको के रहने वाले हैं. जबकि तीन रांची, सरायकेला और पश्चिम बंगाल के निवासी है. सभी का इलाज टाटा मेन हॉस्पिटल में चल रहा है. 

8 में स्वाइन फ्लू की पुष्टि
एक सप्ताह पहले जिला सर्विलांस विभाग की टीम ने शहर के अस्पतालों से कुल 20 संदिग्ध मरीजों का नमूना जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा था. बुधवार को जांच रिपोर्ट आ गई, जिसमें 8 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. इसके पहले भी यहां चार लोग स्वाइन फ्लू से संक्रमित हुए थे, जो इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं.

इलाज के बाद स्वस्थ लौटे 4 मरीज
बोकारो, गिरिडीह और रांची में भी स्वाइन फ्लू से पीड़ित छह लोग इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल हुए थे. नेशनल हेल्थ मिशन (National Health Mission) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ भुवनेश प्रताप सिंह के अनुसार स्वाइन फ्लू से संक्रमित मरीजों को एहतियातन अस्पताल में भर्ती किया गया. रांची में ऐसे चार मरीज इलाज के बाद स्वस्थ होने के बाद घर लौट चुके हैं.

डॉक्टरों की सलाह
रिम्स के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ विद्यापति ने कहा कि स्वाइन फ्लू भी वायरस से फैलने वाली बीमारी है. इसलिए मौसमी बुखार वालों के संपर्क में आने से बचें. ठंडा भोजन, फ्रिज का खाना और आइसक्रीम का उपयोग नहीं करें. बारिश में भींगने से बचें. मास्क का उपयोग करें. संक्रमित को निमोनिया होने पर ही खतरा बढ़ता है.

(आईएएनएस)

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