Independence day 2022: 40 वर्षों से 'तिरंगा' बना रहे रांची के अब्दुल, कहा-हम सब एक हैं
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Independence day 2022: 40 वर्षों से 'तिरंगा' बना रहे रांची के अब्दुल, कहा-हम सब एक हैं

रांची के रहने वाले अब्दुल पिछले 40 सालों से 15 अगस्त और 26 जनवरी के लिए तिरंगा बनाते आ रहे हैं. इस बार प्रधानमंत्री के अभियान घर-घर तिरंगा के अभियान को और बढ़ावा देने के लिए हजारों तिरंगे तैयार कर रहे हैं. रांची के हिंदपिढ़ी के रहने वाले अब्दुल की उम्र 83 साल है.

(फाइल फोटो)

Ranchi: देश भर में  75 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. जिसकों लेकर देश भर में तैयारियां चल रही हैं. सभी लोग अपने अपने तरीके से स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं, राजधानी रांची में अब्दुल नामक व्यक्ति पूरे परिवार के साथ मिलकर तिरंगा बना रहे हैं. वह भी प्रधानमंत्री के अभियान घर घर तिरंगा को बढ़ावा दे रहे हैं. अब्दुल के द्वारा बनाए गए तिरंगा रांची समेत झारखंड के 24 जिलों में उपायुक्त कार्यालय समेत हजारों घरों में फहराया जाएगा. 

40 सालों से बना रहे हैं तिरंगा
दरअसल, रांची के रहने वाले अब्दुल पिछले 40 सालों से 15 अगस्त और 26 जनवरी के लिए तिरंगा बनाते आ रहे हैं. इस बार प्रधानमंत्री के अभियान घर-घर तिरंगा के अभियान को और बढ़ावा देने के लिए हजारों तिरंगे तैयार कर रहे हैं. रांची के हिंदपिढ़ी के रहने वाले अब्दुल की उम्र 83 साल है. उन्होंने बताया कि उनके पिता तिरंगे से बहुत प्यार किया करते थे और उन्हें कहा था कि तिरंगा बनाते रहना. जिसके बाद से पिछले 40 सालों से अब्दुल 15 अगस्त और 26 जनवरी पर हजारों तिरंगा तैयार करते हैं. अब्दुल के साथ उनका पूरा परिवार उनके इस काम में मदद करता है. 

इसको लेकर अब्दुल का कहना है कि पिछले 40 सालों से वह तिरंगा बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसकी शुरूआत छोटे स्तर पर की थी. लेकिन समय के साथ डिमांड बढ़ने पर इसे बनाने का हौसला बढ़ता गया, जिसके बाद इसे बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि यह तिरंगा बनाना उनका शौक है. 

शहीदों के लिए भेजे जाते हैं तिरंगा
अब्दुल बताते हैं कि उनके हाथों के बने तिरंगे रांची समते हजारीबाग, लोहरदगा, रामगढ़ और झारखंड के तमाम जिलों में भेजे जाते हैं. तिरंगा बनाने की शुरूआत 4 महीने पहले हो जाती है. उन्होंने बताया कि तिरंगा खादी के कपड़े से बनाते हैं और यह शहीद जवानों के लिए भी भेजे जाते हैं. हर साल पांच से 10 झंडे शहीद जवानों के लिए भेजे जाते हैं. अब्दुल के साथ उनका पूरा परिवार इस काम को करता है. 

हर घर तिंरगा
अब्दुल का कहना है कि उनके पास कमाई के और भी कई रास्ते हैं, लेकिन तिरंगा बनाना एक तरह से उनका शौक बन गया है. जिसके कारण वह पिछले कई सालों से इस काम में लगे हुए हैं. इस बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वां आजादी अमृत महोत्सव के दौरान लोगों से हर घर तिरंगा फहराने की अपील की है. जिसको लेकर बड़ी संख्या में ऑर्डर आ रहे हैं. ऑर्डर को पूरा करने के लिए दिन रात प्रयास किया जा रहा है, ताकि समय से इसे पूरा किया जा सके. 

अब्दुल ने कहा कि भारत का झंड़ा सबसे सुंदर है. इसमें तीन रंग हैं जो हिंदू मुस्लमान की सीख को दर्शाता है. तिरंगा सभी को बताता है कि हम सब एक हैं, हिंदुस्तान हमारा है. 

नहीं छोड़ा तिरंगा बनाना
उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान जब सभी लोग नौकरियां छोड़ रहे थे, और अपना काम धंधा बदल रहे थे. इस दौरान लोगों के आगे कई मुश्किले थीं. जिसके कारण लोगों ने उन्हें तिरंगा बनाने का काम छोड़ने की सलाह दी थी. हालांकि उन्होंने कभी भी किसी की सलाह नहीं मानी और तिरंगा बनाने का काम जारी रखा. वहीं, उनका परिवार भी पूरी खुशी के साथ तिरंगा बनाने का काम करता है. 

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