राज्य के सरकारी डॉक्टर अब काम करने के बाद निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस कर सकते हैं. राज्य सरकार ने इसके लिए छूट दे दी है.राज्य के सरकारी चिकित्सक चार अस्पतालों में ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं.
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Ranchi: झारखंड में सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगा दी गई थी. जिसके बाद हाल ही में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने इसको लेकर घोषणा की है. राज्य सरकार के द्वारा डॉक्टरों के लिए बड़ी राहत दी गई है. सरकारी डॉक्टरों अब वापस से प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया.
सरकारी डॉक्टर कर सकेंगे प्राइवेट प्रैक्टिस
दरअसल, राज्य सरकार के द्वारा सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन इस फैसले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में बैठक की गई थी. जिसके बाद सरकारी डॉक्टरों को राहत मिली है. स्वास्थ्य मंत्री ने इसको लेकर घोषणा की है. राज्य के सरकारी डॉक्टर अब काम करने के बाद निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस कर सकते हैं. राज्य सरकार ने इसके लिए छूट दे दी है. शनिवार को नेपाल हाउस स्थित सचिवालय में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ आई एम ए झांसा एसबीआई झारखंड के प्रतिनिधियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
चार अस्पतालों में कर सकेंगे प्रैक्टिस
वहीं, बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कई बार ऐसा देखने को मिला है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर 47 आयुष्मान के मरीजों को देखते है. साथ ही वही डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों में दो हजार मरीजों को भी देखते हैं. यह एक बड़ा अंतर है. ऐसे में विभाग ने निर्देश दिया है कि सरकारी डॉक्टर प्राइवेट अस्पताल में आयुष्मान से जितने मरीजों का इलाज करेंगे उतने ही मरीजों का इलाज सरकारी अस्पताल में भी करना होगा. निर्णय के अनुसार राज्य के सरकारी चिकित्सक चार अस्पतालों में ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं.