Bihar News: बगहा में 20 वर्षों बाद भी विद्यालय के लिए भूमि और भवन नसीब नहीं, खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र
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Bihar News: बगहा में 20 वर्षों बाद भी विद्यालय के लिए भूमि और भवन नसीब नहीं, खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र

Bagha News: बिहार में शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता और सुधार के चाहे जितने भी दावे क्यों न कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत आज भी कुछ और नहीं है. हम ऐसा इसलिए कह रहें हैं क्योंकि गंडक दियारा स्थित पिपरा प्रखंड के बलुआ राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय आज भी भवन विहीन है.

बगहा में 20 वर्षों बाद भी विद्यालय के लिए भूमि और भवन नसीब नहीं, खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र

बगहाः Bagha News: बिहार में शिक्षा विभाग शिक्षा की गुणवत्ता और सुधार के चाहे जितने भी दावे क्यों न कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत आज भी कुछ और नहीं है. हम ऐसा इसलिए कह रहें हैं क्योंकि गंडक दियारा स्थित पिपरा प्रखंड के बलुआ राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय आज भी भवन विहीन है. हालांकि वर्षों पूर्व स्थापित इस विद्यालय का भवन बना तो जरूर, लेकिन गंडक नदी की बदलती धारा में कटकर विद्यालय नदी में विलीन हो गया और पिछले दो दशक से न तो भूमि आवंटित हुई और ना ही भवन नसीब हुआ. नतीजतन बच्चे खुले आसमान के निचे कड़ाके की ठंड और सर्द मौसम में बांस के पेड़ तले बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

दरअसल, उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित पश्चिम चम्पारण जिला के पिपरा प्रखंड अंतर्गत राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलुआ स्थापना के वर्षों बाद भी गंडक नदी के कटाव की विनाशलीला झेल रहा है. आलम यह है कि भूमि, भवन और उपस्कर के अभाव में यहां नामांकित छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. अभी यहां 94 नामांकित छात्रों पर 7 शिक्षक प्रतिनियुक्त किए गए हैं. बावजूद इसके विद्यालय का भवन नहीं बनने के कारण छात्रों को स्कूल से मोहभंग हो रहा है.

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बताया जा रहा है कि दियारा के इस इलाके में छात्र मुश्किल स्कूल आते हैं, लेकिन विद्यालय भवन नहीं होने के कारण ज्यादातर बच्चे वापस लौट जाते हैं. क्योंकि ज़ब भूमि और भवन हीं नहीं बना है तो उपस्कर की बात बेमानी होंगी. लिहाजा बच्चे बोरियों पर झोपड़ी में तो कई बच्चे बांस की पेड़ तले बैठकर मजबूरन पठन पाठन पूरा कर रहें हैं.

हैरत की बात है कि एक झोपड़ी में मीडिल स्कूल का कार्यालय संचालित किया जा रहा है तो उसी में कई वर्ग के छात्र एक साथ भेद बकरीयों की तरह ठस्म- ठस्स बैठकर पढ़ाई पूरी करते हैं. जबकि इसी झोपड़ी में MDM का भोजन पानी तक की व्यवस्था की लाचारी है. लिहाजा प्रधान शिक्षक नंदलाल प्रसाद कुशवाहा नें BEO से लेकर DEO और पिपरा अंचल कार्यालय तक त्राहिमाम पत्र भेजकर कार्रवाई को लेकर गुहार लगाई है.

बता दें कि वाल्मीकि नगर के जेडीयू विधायक रिंकू सिंह की पहल पर सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा से बगहा के गंडक दियारावर्ती इलाके के इन चार प्रखंडों पीपरासी, भीताहा और मधुबनी समेत ठकराहाँ को मिलाकर एक डिग्री कॉलेज बनाने की घोषणा की गयी है. लिहाजा इसी प्रगति यात्रा के बाद अब पिपरा अंचल प्रशासन की ओर से भूमि पैमाइश कराने को लेकर कवायद शुरू की गयी है. खुद विधायक रिंकू सिंह ने उम्मीद जताते हुए भरोसा दिलाया है कि बहुत जल्द राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलुआ पीपरा को भूमि आवंटित कर भवन निर्माण कराया जायेगा. क्योंकि ACS डॉक्टर सिद्धार्थ भी सूबे की शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर बेहद संजीदा हैं. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि पीपरासी प्रशासन और जिला शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलुआ की भूमि और भवन कब तक मुहैया कराई जाती है.
इनपुट- इमरान अजीज

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