ऐसे में ग्रामीणों ने अपने प्रयास से पहाड़ों का सीना चीर कर एक किलोमीटर लंबा कच्ची सड़क अपने परिश्रम से बनाया, परंतु उसमें भी एक दूधमटिया झकझोर में छोटी नदी पड़ जाने के कारण बरसात के दिनों में आवागमन बाधित हो गई.
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हजारीबाग : हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड के सुदूरवर्ती अंगों पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचडा एक ऐसा गांव है जो जंगलों, पहाड़ों व नदियों से घिरा हुआ है. बरसात के दिनों में कई दिनों तक लोग गांव से बाहर नहीं जा पाते हैं. वही गांव में एक मध्य विद्यालय है जहां के शिक्षक नदियों का पानी कम होने पर किसी तरह पार होकर विद्यालय तक पहुंचते हैं. ऐसे में यहां तक बच्चों का पहुंचना तो मुश्किल ही होता है.
ग्रामीणों ने अपने प्रयास से नदी पर बांध दिया पुल
ऐसे में ग्रामीणों ने अपने प्रयास से पहाड़ों का सीना चीर कर एक किलोमीटर लंबा कच्ची सड़क अपने परिश्रम से बनाया, परंतु उसमें भी एक दूधमटिया झकझोर में छोटी नदी पड़ जाने के कारण बरसात के दिनों में आवागमन बाधित हो गई. जिस पर लोगों ने अपने प्रयास से कई माह पूर्व मिट्टी भर के आवागमन चालू किया था और दो पहिया वाहन एवं साइकिल से लोग अपने गांव आ जा पा रहे थे. बरसात आते ही वह मिट्टी बहकर संपर्क पथ टूट गया. जिससे लोगों का फिर से आवागमन बाधित हो गया और अब फिर एक बार गांव के लोगों ने काफी मेहनत व मशक्कत से दूधमटिया के छोटी नदी में लकड़ी के खूंटे से जुगाड़ देकर लकड़ी के पुल का निर्माण किया है. ताकि कम से कम आपातकालीन स्थिति में यदि गांव के कोई लोग बीमार हो तो उसको इलाज के लिए उस रास्ते ले जाया जा सके.
स्थानीय जनप्रतिनिधि या प्रशासन केवल देते रहे आश्वासन
ऐसा नहीं कि यह मामला स्थानीय जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक पदाधिकारी की जानकारी में नहीं है. कई बार जनप्रतिनिधियों के द्वारा आश्वासन भी दिया गया कि उक्त स्थान पर जल्द ही पुल का निर्माण कर शीघ्र ही आवागमन शुरू किया जाएगा. हालांकि इस मामले पर बड़कागांव की युवा विधायक अंबा प्रसाद आज भी भरोसा दे रही हैं और बता रही हैं कि हमने उक्त पुल के लिए अनुशंसा कर दी है. जल्द ही पुल का निर्माण करा लिया जाएगा.
आदिवासी बाहुल्य इस गांव में समस्याओं का अंबार
ग्रामीणों की दुर्दशा पर सवाल उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र कुमार देव इस बात को लेकर काफी मुखर रहे हैं और कहते हैं कि झारखंड की सरकार आज आदिवासियों की सरकार कही जाती है लेकिन इस आदिवासी बाहुल्य गांव में अगर यह स्थिति है तो यह एक बड़ी परेशानी है. सरकार को जल्द से जल्द इस परेशानी से गांव वालों को छुटकारा दिलाना चाहिए.
हाल के दिनों में झारखंड सरकार आदिवासियों और मूलवासियों के कल्याण के लिए कई कार्य कर रही है लेकिन जिस इलाके में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. जरूरी है इस और भी नजरें इनायत करने की ताकि सरकार का कार्यशील चेहरा और ज्यादा निखर कर सामने आ सके.
(रिपोर्ट-Yadvendra Singh Munnu)
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