Jharkhand Weather: कम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, 5.8 फीसदी ही हुई है धान की रोपनी
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Jharkhand Weather: कम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, 5.8 फीसदी ही हुई है धान की रोपनी

Jharkhand Weather Today: मौसम विभाग के अनुसार राज्य में जुलाई के महीने में अच्छी बारिश की संभावना बनी हुई है. मौसम विभाग के अनुसार मध्य जुलाई तक 316.7 मिमी बारिश होनी चाहिए थी

(फाइल फोटो)

Ranchi: झारखंड में मानसून आने के बाद भी लोगों को अच्छी बारिश का इंतजार है. राज्य में इस बार 48 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जिसके कारण राज्य के किसानों को खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है. कम बारिश होने के कारण धान की खेती पर असर पड़ रहा है. इस बार राज्य में धान की बुआई महज 5.8 प्रतिशत हुई है. जो की हर बार से कम है. धान की रोपाई कम होने से राज्य में धान की खेती पर असर पड़ रहा है.  अच्छी बारिश नहीं होने से खेतों से नमी गायब होने लगी है. जिससे राज्य के किसानों की चिंताएं बढ़ रही हैं. 

बारिश नहीं होने के कारण दलहन, तिलहन, मोटा अनाज और अन्य फसलों की खेती पर भी काफी असर पड़ रहा है. झारखंड के लगभग 24 जिलों में से 16 जिलों में धान की खेती के लिए बिचड़ा लगाने का काम भी इस बार धीमी गति से हुआ है. 

दर्ज हुई सामान्य से कम बारिश 
राज्य में बारिश नहीं होने के कारण लोगों का गर्मी से हाल बेहाल है. वहीं, बारिश  का औसत देखा जाए तो राज्य के पांचों प्रमंडलों में संथाल परगना सबसे कम बारिश दर्ज की गई है. संथाल परगना के अंतर्गत साहिबगंज, पाकुड, जामताडा देवघर और गोड्डा जिला आता है.  इसके अलावा चतरा, गढ़वा, रांची, पलामू, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो और रामगढ़ की स्थिति भी बारिश के मामले में ठीक नहीं है. इस बार के आंकड़ों के हिसाब से 80 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है. वहीं, चतरा में इस बार औसतन बारिश 73 प्रतिशत हुई है. इसके अलावा पाकुड़ में 72 प्रतिशत, गढ़वा में 69, गोड्डा में 66, रामगढ़ में 58, पलामू में 62 और हजारीबाग में 56 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है. 

किसानों को वैकल्पिक फसलों के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित
वहीं, मौसम विभाग के अनुसार राज्य में जुलाई के महीने में अच्छी बारिश की संभावना बनी हुई है. मौसम विभाग के अनुसार मध्य जुलाई तक 316.7 मिमी बारिश होनी चाहिए थी. लेकिन अभी तक राज्य में 164.3 मिमी बारिश ही दर्ज की गई. इसके अलावा कम बारिश ने राज्य के लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. कृषि विभाग ने भी इस समस्या से निजात पाने के लिए बैठक की है. इस महीने में भी अच्छी बारिश नहीं होने के कारण कृषि विभाग का मकसद है कि किसानों को वैकल्पिक फसलों को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. 

15 जुलाई तक हुई 104 हेक्टेयर में धान की बुआई
वहीं, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक मुकेश सिन्हा का कहना है कि आने वाले दिनों में अगर अच्छी बारिश नहीं हुई तो किसानों को और राज्य को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक 28 जुलाई के बाद सरकार किसानों के लिए फसल परामर्श के संबंध में सर्कुलर जारी कर सकती है. इसके अलावा कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार लगभग 1800 हेक्टेयर में क्षेत्र में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन वहीं, 15 जुलाई तक महज 104 हेक्टेयर में ही धान की बुआई हो सकी है.  इस बार हर जिले में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है. जिसके कारण किसान बेहद परेशान हैं और अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं ताकि धान की फसलों में सुधार किया जा सके.  इसके अलावा बारिश नहीं होने के कारण राज्य के लोगों का हाल भी बेहाल है. सारा दिन गर्मी और उमस के चलते लोग बेहद परेशान हैं.

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