महिलाओ और युवतियों पर बढ़ते छेड़खानी और अत्याचार को देखते हुए मनजीत ने एक विमेन सेफ्टी डिवाइस बनाया है. महिलाएं डिवाइस के जरिए मनचलों को 200 से लेकर 300 वोल्ट तक का झटका देकर घायल कर अपनी जान बचा पाएगी.
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चतराः अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो आपको कोई रोक नहीं सकता. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है चतरा के गिद्धौर प्रखंड के रहने वाले मनजीत कुमार ने. महिलाओ और युवतियों पर बढ़ते छेड़खानी और अत्याचार को देखते हुए मनजीत ने एक विमेन सेफ्टी डिवाइस बनाया है. यह डिवाइस महिलाओ अथवा युवतियों के लिए उस वक्त काम आ सकता है. जब सुनसान रास्ते मे मनचलों के द्वारा उनके साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया जा रहा हो और उनका सहारा उस जगह पर कोई न हो ऐसे मे यह डिवाइस परेशानी मे फंसे उस महिला अथवा युवती के लिए सहयोगी के रूप मे काम आएगा और परेशानी में फंसी महिला अथवा युवती इस डिवाइस के जरिए मनचलों को 200 से लेकर 300 वोल्ट तक का झटका देकर घायल कर अपनी जान बचा पाएगी.
डिवाइस दे पाएगा 200 से लेकर 300 वोल्ट का झटका
मनजीत का बनाया यह डिवाइस कहीं और नहीं बल्कि चप्पल में ही लगा है. जिस चप्पल को महिलाएं अथवा युवतियां पहनने के बाद अपनी सुरक्षा के रूप मे उपयोग कर पाएगी. मंजीत के अनुसार उसने इस डिवाइस को मात्र पांच सौ रूपये की लागत से अपने एक सप्ताह की कड़ी मेहनत और लग्न से तैयार किया है. जिसमे मंजीत ने एक 4 वोल्ट का बैट्री,एक किट और एक स्विच लगाया है, जो सिर्फ आधे घंटे के चार्ज के बाद दो दिनों तक काम करेगा. मंजीत ने इस डिवाइस को बनाकर ना सिर्फ अपने गांव भर के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत बना है. बल्कि पूरे प्रखंड समेत जिले भर में मनजीत के इस विमेन सेफ्टी डिवाइस की चर्चा हो रही है.
ग्यारहवीं कक्षा का छात्र है मनजीत
मनजीत ग्यारहवीं का छात्र है और वह हजारीबाग में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा है. अपने पढ़ाई के दौरान ही मनजीत ने इस डिवाइस को बनाया है. मनजीत के पिता एक किसान हैं. मनजीत बताते हैं कि उनके इस डिवाइस को मार्केट में लाने पर कम कीमत मे महिला अथवा युवतीयां अपनी सुरक्षा के यंत्र को खरीद पाएगी. मनजीत की मां बताती है कि मेरे बेटे ने महिलाओं के साथ- साथ बेटियों के लिए एक डिवाइस बनाया है. महिलाओं और बेटियों के प्रति इस तरह के सकारात्मक सोच और डिवाइस बनाए जाने पर मां भी खूब खुश है और इस डिवाइस को इस्तेमाल भी करना चाहती हैं. वहीं मनजीत के विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजेश कुमार सिंह बताते हैं कि वास्तव में यह डिवाइस महिलाओं और युवतियों के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से लाभकारी होगा. उनका कहना है कि अगर इसे बढ़ावा दिया जाता है तो एक चप्पल के कीमत में ही युवतीयां अपने सुरक्षा यंत्र वाला चप्पल खरीद पाएंगी.
इनपुट- धर्मेंद्र पाठक
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