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जमशेदपुर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो दिवसीय दौरे पर सरायकेला और जमशेदपुर में थे. जहां आज दूसरे दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जमशेदपुर को कई सौगात दी, इसके साथ ही उन्होंने दोनों जिलों के आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्यमंत्री सचिव विनय चौबे डीजीपी समेत सरायकेला और पूर्वी सिंहभूम के तमाम विधायक और अधिकारी मौजूद रहे.इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोनों जिलों के अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए तो वहीं सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए विशेष रूप से अधिकारियों को टास्क दिया गया. जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में खतियानी जोहार यात्रा में शामिल हुए.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा झारखंड के 24 जिलों में खतियानी जोहार यात्रा कार्यक्रम का दूसरा फेस आज जमशेदपुर में संपन्न हुआ, जहां खतियानी जोहार यात्रा में मुख्यमंत्री का लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मंत्री विधायक भी मौजूद रहे.
इस मौके पर बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकार जब कैबिनेट बैठक करती है तो विपक्ष परेशान हो जाती है कि फिर क्या फैसला लेगी, विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष जो मुंगेरीलाल के सपने देख रहे हैं कि सरकार गिर जाएगी वह कभी पूरा नहीं होगा, यहां 5 साल नहीं आने वाले और 5 साल भी महागठबंधन की सरकार रहेगी.
वहीं चंपई सोरेन ने कहा कि आज जो खतियानी जोहार यात्रा के माध्यम से लोगों तक 1932 खतियान के फैसले को पहुंचाने का काम किया, हेमंत सोरेन ने जो बोला वही किया, 1932 खतियान, ओबीसी आरक्षण समेत कई योजना लोगों तक पहुंचाया जा रहा है, रोजगार के श्रेत्र में कई योजनाएं लाई जा रही है.
वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बिहार से झारखंड अलग हुआ, हम लोगों की अवाज थी कि हम बिहार में नहीं रहेंगे, तब राज्य अलग हुआ, झारखंड के आंदोलन के बाद अब दूसरा आंदोलन 1932 खतियान को लेकर होगा, जो 1932 का नाम लेगा वह झारखंड में रहेगा, हम लोगों को आदत है आंदोलन कर अपना अघिकार लेने का, भारत को दिखा देंगे कि किस तरह अपना अधिकार लिया जाता है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज इस कार्यक्रम के तहत लोगों को जहां अपने ऐतिहासिक कार्यों को गिनाया तो वहीं दूसरी तरफ राज्य में भाजपा और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कई मुद्दों पर घेरा.
हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष ने कई बार मुख्यमंत्री बदल दिया है, विपक्ष मखमल पर सोया था, आज जनता ने उठा कर पहाड़ पर फेंक दिया. विपक्ष में कुछ लोग हमारे बीच के हैं जो विपक्ष के दलाल बने हुए हैं, वह सभी बिना वेतन के झारखंड में राजनीतिक दलाल बने हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष ने बीस साल में झारखंड को बेचने का काम किया है.
हेमंत सोरेन ने 1932 के खतियान कानून को राज्यपाल द्वारा वापस लौटाने को लेकर कहा कि राज्यपाल केंद्र सरकार के इशारे पर चल रही है. यही कारण है कि खतियानी बिल को पास नहीं किया गया. खतियानी बिल के पास होने से राज्य के मूल वासियों को कई अधिकार मिल जाते जो केंद्र सरकार नहीं चाहती है. जिन राज्यों में केंद्र सरकार की डबल इंजन की सरकार है वहां अपने मन मुताबिक कानून बना रही है. उन्होंने कहा कि अगर झारखंड की सरकार कोई नियम कानून बनाती है तो बिहार और यूपी के लोगों के पेट में दर्द होता है. राज्यपाल कहते हैं कि कानून बनाना भारत सरकार का काम है.राज्य की 3.15 करोड़ जनता बोलती है कि जो 1932 के खतियानी है वही यहां के मूल वासी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में शुरुआत से ही आदिवासी और पिछड़े लोगों का शोषण होता रहा है.
(Report- ASHISH KR. TIWARY)
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