झारखंड में 100 करोड़ के मिड डे मील घोटाले के तीन आरोपियों पर सीबीआई कोर्ट में चार्ज फ्रेम, चलेगा ट्रायल
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झारखंड में 100 करोड़ के मिड डे मील घोटाले के तीन आरोपियों पर सीबीआई कोर्ट में चार्ज फ्रेम, चलेगा ट्रायल

अदालत ने तीनों अभियुक्तों से उनपर लगे आरोपों के बारे में पूछा. तीनों ने आरोपों से इनकार किया. अब सीबीआई इनके खिलाफ अदालत में साक्ष्य पेश करेगी.

झारखंड में 100 करोड़ के मिड डे मील घोटाले के तीन आरोपियों पर सीबीआई कोर्ट में चार्ज फ्रेम, चलेगा ट्रायल

रांची: रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में 100 करोड़ के मिड डे मील घोटाले के तीन अभियुक्तों कांट्रैक्टर-बिल्डर संजय कुमार तिवारी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के हटिया ब्रांच के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर अजय उरांव और सुरेश कुमार के खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिया गया है. अब उनके खिलाफ ट्रायल शुरू किया जा रहा है.

अदालत ने तीनों अभियुक्तों से उनपर लगे आरोपों के बारे में पूछा. तीनों ने आरोपों से इनकार किया. अब सीबीआई इनके खिलाफ अदालत में साक्ष्य पेश करेगी. संजय तिवारी और अजय उरांव ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए डिस्चार्ज पिटिशन दाखिल किया था, जिसे अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है.

वर्ष 2017 में सामने आया था मामला
यह मामला वर्ष 2017 का है. रांची के हटिया में स्थित एसबीआई शाखा से झारखंड मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण (मिड डे मील अथॉरिटी) के खाते से भानु कंस्ट्रक्शन को 101.01 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. इस बात का खुलासा तब हुआ जब 19 सितंबर 2017 को राज्य निकाय ने बैकों को निर्देश दिया कि जिलों में मध्याह्न् भोजन की राशि जारी की जाए. इस मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में लेते हुए एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद बैंक के ब्रांच मैनेजर अजय उरांव को सस्पेंड कर दिया था. बैंक गलत तरीके से ट्रांसफर किए गए 76.29 करोड़ वापस लेने में सफल रहा, लेकिन 23.38 करोड़ रुपए वापस नहीं हो पाए.

संजय तिवारी को माना गया घोटाले का मास्टरमाइंड
जांच में यह बात सामने आई कि भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय तिवारी ने अपनी कंपनी में काम करने वाले राजू वर्मा के खाते में 8 करोड़ 27 लाख रुपये हस्तांतरित किए. इसके अलावा उसने अलग-अलग बैंक खातों में रुपए डाले. कुछ पैसों की नकद निकासी की और गाड़ियां खरीद ली. ईडी ने अपनी जांच में पाया कि आरोपी संजय तिवारी ने मिड डे मील घोटाले से पहले भी कई घोटालों व कांडों को अंजाम दिया है. उसने अपने नाम से कई फर्जी दस्तावेज बनवा रखे थे. उसने एनएचआई का फर्जी आइईडी कार्ड भी बनवा रखा था. लग्जरी गाड़ियों के शौकीन संजय ने सभी गाड़ियों में फर्जी रजिस्ट्रेशन लगा रखे थे.

सुप्रीम कोर्ट में भी पेश किए फर्जी कागजात
संजय ने सुप्रीम कोर्ट से वादा किया था कि वह अपने पूर्वजों से मिली जमीन वाराणसी के प्रसिद्ध होटल 'होटल क्लार्क, वाराणसी' के निदेशक को 17.54 करोड़ रुपये में बेच कर पैसे बैंक को दे देगा, जिसकी कॉपी कोर्ट में सौपी गई.

इनपुट-आईएएएस

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