57 साल की हिस्ट्री शीटर जो बनी झारखंड पुलिस के लिए परेशानी का सबब, 11 बार जा चुकी है जेल
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57 साल की हिस्ट्री शीटर जो बनी झारखंड पुलिस के लिए परेशानी का सबब, 11 बार जा चुकी है जेल

जब मैं 57 साल की किसी महिला का जिक्र करती हूं तो जेहन में क्या तस्वीर आती है. एक बुजुर्ग महिला जो घर में पोते-पोतियों को गोद में लेकर खेलाती होगी. कामकाजी होगी तो घर से दफ्तर और दफ्तर से घर आकर आराम करती होगी.

(फाइल फोटो)

रांची : जब मैं 57 साल की किसी महिला का जिक्र करती हूं तो जेहन में क्या तस्वीर आती है. एक बुजुर्ग महिला जो घर में पोते-पोतियों को गोद में लेकर खेलाती होगी. कामकाजी होगी तो घर से दफ्तर और दफ्तर से घर आकर आराम करती होगी. लेकिन आज मैं जिस 57 साल की महिला की कहानी सुनाने जा रही हूं वो है एक हिस्ट्रीशीटर जो 11 बार जेल जा चुकी है. नाम है हसीना बानो और ये कोई दिल्ली मुंबई की हिस्ट्रीशीटर नहीं झारखंड की है. झारखंड पुलिस की नाक में दम कर रखा है.

11वीं बार गिरफ्तार करके भेजा गया जेल 
57 साल की हिस्ट्री शीटर हसीना बानो झारखंड के कई जिलों की पुलिस के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. पलक झपकते पर्स और जेवरात उड़ाने में उस्ताद इस महिला को रांची की पुलिस ने सोमवार को 11वीं बार गिरफ्तार कर जेल भेजा. झारखंड के बोकारो जिला के पेटरवार कस्बे में आलीशान दो मंजिले मकान की मालकिन और भरे-पूरे घर-परिवार की इस महिला की आदतों से उसके घरवाले तक परेशान हैं. वह तकरीबन हर साल एक-दो बार जेल यात्रा करती है, लेकिन वह शातिराना हरकतों से बाज नहीं आती. इस बार उसे रांची के डेली मार्केट थाना क्षेत्र के खटिया बाजार में एक महिला के पर्स से रुपये उड़ाते हुए लोगों ने रंगे हाथ पकड़ा और पुलिस को सौंप दिया. 

बाजार में महिलाओं को बनाती थी अपना टारगेट
पिछले पंद्रह सालों में उसने रांची, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह सहित कई शहरों में दर्जनों लोगों को निशाना बनाया है. सामान्य तौर पर वह ऑटो और बस में सफर करने वाली या भीड़-भाड़ वाले बाजार में महिलाओं को अपना टारगेट बनाती है. उसके बोकारो जिला के पेटरवार स्थित मकान में पुलिस ने कम से कम आधा दर्जन बार छापमारी कर चोरी के जेवरात, नगदी और कई कीमती सामान बरामद किये हैं.

मौका पाते ही कर देती थी सामान गायब
हसीना बानो की क्राइम फाइल सबसे पहले 2010 में खुली थी. हसीना बानो रांची में पहली बार 2010 में डोरंडा इलाके में पकड़ी गई थी. तब जेल भेजी गई थी. पुलिस के अफसर बताते हैं कि वह महिलाओं से बातचीत कर घुल-मिल जाती है और इसके बाद मौका पाते ही सामान गायब कर देती है. उसके खिलाफ रांची के डोरंडा, लालपुर, लोअर बाजार, कोतवाली और सदर थाना क्षेत्र में चोरी के तकरीबन एक दर्जन मामले दर्ज हैं. बोकारो और धनबाद में भी उसने चोरी की कई घटनाओं को अंजाम दिया है और कई बार जेल गई है. पहले की घटनाओं की तफ्तीश के दौरान पुलिस ने पाया है कि वह चोरी का माल बोकारो में खपाती है.

पुलिस को चकमा देकर हो गई थी फरार 
हसीना बानो कई बार पुलिस की पकड़ में आने के बाद भी चकमा देकर भाग चुकी है. 20 जुलाई 2013 को रांची की कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गई थी. महिला के घर में पति और दो बेटी और एक बेटा भी है. सभी महिला की इस हरकत का विरोध करते हैं. वह 09 सितंबर 2011 को रांची के लालपुर से रंगे हाथ पकड़ी गई थी और जेल गई थी. उस वक्त मोरहाबादी की शांति देवी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसी तरह 19 जुलाई 2013 को लालपुर चौक के समीप धनबाद के बैंक मोड़ की निशा अग्रवाल नामक महिला का पर्स मारते हसीना बानो को पकड़ा गया था. पिछले साल अक्टूबर में भी उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.

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