बिहार: सहरसा लक्ष्मी झा ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर फहरा तिरंगा, इलाके का किया नाम रौशन
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बिहार: सहरसा लक्ष्मी झा ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर फहरा तिरंगा, इलाके का किया नाम रौशन

बिहार के सहरसा जिले की रहने वाली लक्ष्मी झा ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया है. लक्ष्मी झा एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने वाली बिहार की पहली बेटी बनी है. 

बिहार: सहरसा लक्ष्मी झा ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर फहरा तिरंगा, इलाके का किया नाम रौशन

सहरसाः बिहार के सहरसा जिले की रहने वाली लक्ष्मी झा ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रौशन किया है. दरअसल, मूल रूप से सहरसा के बनगांव की रहने वाली लक्ष्मी झा ने मात्र 9 दिनों के अंदर नेपाल स्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप और नेपाल के काला पत्थर पर तिरंगा लहराकर नाम रोशन किया. 

एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचने वाली बनी पहली बेटी 
लक्ष्मी झा एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने वाली बिहार की पहली बेटी बनी है. उन्हें ये सफलता बहुत संघर्ष के बाद मिली है. जिसमें उनकी मां सरिता देवी का काफी सहयोग रहा है. लक्ष्मी झा के इस उपलब्धि को लेकर परिवार में खुशी का माहौल है. बता दें कि लक्ष्मी झा सहरसा जिले के बनगांव की रहने वाली है और इनके पिता का नाम स्व. बिनोद झा है. जिनकी 17 वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है. लक्ष्मी झा 4 भाई बहन में सबसे छोटी है. पिता की मौत के बाद रोजी रोटी का कोई सहारा नहीं होने के कारण उनकी मां काफी मेहनत से अपने चार बच्चों का लालन पालन करती रही और सभी बच्चों को पढ़ाई भी करवाई. 

डीएसपी अनिता कुंडुन के मार्गदर्शन से बड़ी आगे 
लक्ष्मी के बड़े भाई का नाम श्याम झा है, जो गांव में ही किताब दुकान चलाकर रोजी रोटी कर रहा है. जिसमें उनका छोटा भाई पढ़ाई के साथ बड़े भाई की दुकान में भी सहयोग करता रहा. लक्ष्मी ने मैट्रिक और इंटर के बाद बीए पास की, उसके बाद ग्रुप डी की परीक्षा पास की और पटना के सचिवालय में 2019 में सहायक कर्मचारी बन गई. लक्ष्मी ने नोकरी करने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और वो एवरेस्ट पर चढ़ने को लेकर तैयारी करने लगी. जहां उन्होंने अपना नामांकन उत्तराखंड के पर्वतारोही नेहरू इंस्टीट्यूट में करवाया, जहां लक्ष्मी झा को हरियाणा में पदस्थापित डीएसपी अनिता कुंडुन से मुलाकात हुई. उन्हीं के सहयोग और मार्गदर्शन से वो आगे बढ़ी. 

जिसके बाद बीते दिनों 15 नवंबर को शाम को 4 बजे नेपाल के काला पत्थर पर चढ़ाई कर तिरंगा फहराया. उसके बाद 16 नवंबर को 11 बजे दिन में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर चढ़ाई कर तिरंगा फहराया. हालांकि लक्ष्मी अभी एवरेस्ट तक नहीं पहुंची है.

इनपुट-विशाल कुमार

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