Prashant Kishor Bail: बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों की मांगों के समर्थन में प्रशांत किशोर ने गांधी मैदान में 2 जनवरी, 2025 से आमरण अनशन शुरू किया था. 5 जनवरी की रात और 6 जनवरी की भोर में पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर लिया और गांधी मैदान में अनशन स्थल पर मौजूद कुछ वाहन भी जब्त किए थे.
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Prashant Kishor Bail: बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा रद्द किए जाने और फिर से एग्जाम कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को बिना शर्त जमानत मिल गई है. प्रशांत किशोर बेउर जेल से बाहर भी आ गए हैं. इससे पहले जमानत की शर्तों को न मानने पर उन्हें बेउर जेल ले जाया गया था. पटना के सिविल कोर्ट ने 25,000 रुपये के निजी मुचलके और कुछ शर्तों के साथ जमानत दी थी, लेकिन प्रशांत किशोर ने कोई भी शर्त मानने से मना कर दिया था और जेल जाना मुनासिब समझा था. प्रशांत किशोर के वकील वाईबी गिरि ने बताया था कि उन्हें इस शर्त पर जमानत दी जा रही है कि अब वे कोई धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे. उसे न मानने पर प्रशांत किशोर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
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प्रशांत किशोर के रिहा होने के बाद उनके एक अन्य वकील कुमार अमित ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया, प्रशांत किशोर पर जो भी चार्जेज लगे हुए थे, वो सब जमानती धाराएं हैं. ऐसे में उन्हें पुलिस ही जमानत दे सकती थी. पुलिस ने जमानत नहीं दी और 7 से 8 घंटे तक प्रशांत किशोर को पूरा पटना घुमाती रही. जमानती धाराओं के मामले में जमानत की शर्त भी नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने बताया, जब प्रशांत किशोर को बेउर जेल ले जाया गया, तब मैंने कोर्ट में इस बात को लेकर अपना पक्ष रखा. उसके बाद कोर्ट ने प्रशांत किशोर को बिना शर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. कुमार अमित ने कहा कि आम लोगों को भी जान लेना चाहिए कि 7 साल से कम सजा वाले मामलों में एसएचओ की ड्यूटी बनती है कि वह पकड़े गए लोगों को बताए कि कहां से बेल मिल सकती है.
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जेल जाने से पहले प्रशांत किशोर ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए बयान दिया था कि सरकार को जो करना है करने दीजिए. रुकना नहीं है. अगर रुक गए तो इनका मन बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि इनलोगों को लगा था कि गिरफ्तार करके जमानत पर छुड़वा देंगे और बात रफा दफा हो जाएगी. इसलिए बेल भी नहीं लेंगे और अनशन भी खत्म नहीं करेंगे.