Emergency Special: 'कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक है आपातकाल...', इमरजेंसी पर PM मोदी-शाह का हमला
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Emergency Special: 'कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक है आपातकाल...', इमरजेंसी पर PM मोदी-शाह का हमला

आपातकाल के 48 साल बीत जाने के बाद भी उस दौर को याद करके आज भी लोग सिहर जाते हैं. बीजेपी सहित तमाम संगठनों ने काला दिवस के रूप में इस दिन को मनाया. 

पीएम मोदी

BJP On Emergency: देश में आपातकाल लगाए जाने के 48 साल पूरे हो गए हैं. 25 जून 1975 की आधी रात को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था और यह 21 महीनों तक चला था. कहते हैं कि इंदिरा ने ये फैसला कैबिनेट की मर्जी के बिना लिया था. सत्ता के लालच में इंदिरा गांधी ने देश को इमरजेंसी की बेड़ियों में कैद कर दिया था. इंदिरा के एक फैसले ने जनता के सारे अधिकार छीन लिए थे. रातों-रात मीडिया पर सेंसरशिप लग गई थी. जो भी सरकार का विरोध करता था उसे जेल में डाल दिया जाता था. मीसा कानून के तहत तकरीबन एक लाख लोगों को जेल की कोठरी में डाल दिया गया था. 50 लाख से ज्यादा लोगों की जबरन नसबंदी कराई गई थी. कुल मिलाकर आपातकाल के 22 महीनों में ही देशवासियों को अंग्रेजों का शासन याद आ गया था. 

आपातकाल के 48 साल बीत जाने के बाद भी उस दौर को याद करके आज भी लोग सिहर जाते हैं. बीजेपी सहित तमाम संगठनों ने काला दिवस के रूप में इस दिन को मनाया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई राजनेताओं ने इमरजेंसी का विरोध करने वाले साहसी लोगों को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी इस वक्त मिस्त्र में हैं, लेकिन आपातकाल का सामना करने वालों को श्रद्धांजलि देना नहीं भूले.

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विदेशी धरती से पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और देश में लोकतंत्र की भावना को मजबूत करने के लिए काम किया. आपातकाल हमारे देश के इतिहास का कभी ना भूला जा सकने वाला समय है, जो संविधान के मूल्यों के पूरी तरह खिलाफ है. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल को कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 1975 में एक परिवार ने अपने हाथ से सत्ता निकलने के डर से जनता के अधिकारों को छीन व लोकतंत्र की हत्या कर देश पर आपातकाल थोपा था. 

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शाह ने आगे लिखा कि अपने सत्ता-स्वार्थ के लिए लगाया गया आपातकाल, कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक और कभी न मिटने वाला कलंक है. उस कठिन समय में अनेक यातनाएं सहकर लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए लाखों लोगों ने संघर्ष किया. मैं उन सभी देशभक्तों को दिल से नमन करता हूं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी आपातकाल को लेकर गांधी परिवार पर निशाना साधा. नड्डा ने लिखा कि 25 जून 1975 को एक परिवार ने अपने तानाशाही रवैये के कारण देश के महान लोकतंत्र की हत्या की और आपातकाल जैसा कलंक थोपा था. जिसकी निर्दयता ने सैकड़ों वर्षों के विदेशी शासन के अत्याचार को भी पीछे छोड़ दिया. ऐसे कठिन समय में असीम यातनाएं सहकर लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष करने वाले सभी राष्ट्र भक्तों को नमन करता हूं.

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