पार्टी की ओर से लालू के जन्मदिन को 'सामाजिक न्याय और सद्भावना दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. इसके तहत राज्यभर में गरीबों एवं कमजोर वर्ग के लोगों के बीच सहभोज का आयोजन किया जाएगा.
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Lalu Yadav Special: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव 11 जून को अपना 76वां जन्मदिन सेलीब्रेट कर रहे हैं. राजद कार्यकर्ता पूरे बिहार में अपने नेता का जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहे हैं. राजद अध्यक्ष के बर्थडे पर 76 पौंड के केक का इंतजाम किया है. राजद कार्यकर्ता अपने नेता के जन्मदिन पर पूरे बिहार में तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया है. पार्टी की ओर से लालू के जन्मदिन को 'सामाजिक न्याय और सद्भावना दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. इसके तहत राज्यभर में गरीबों एवं कमजोर वर्ग के लोगों के बीच सहभोज का आयोजन किया जाएगा. लालू के जन्मदिन पर हम आपको लालू के ऐसे फैसलों के बारे में बताने वाले हैं, जो आज भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन जाते हैं.
लालू के बड़े फैसलों में आडवाणी को जेल में डालने वाला फैसला भी आता है. ये किस्सा साल 1990 का है. बीजेपी के वरिष्ण नेता लालकृष्ण आडवाणी अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर पूरे देश में रथयात्रा निकाल रहे थे. उस वक्त लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू ने आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार करवा लिया और इस रथयात्रा को बिहार में रोक दिया था. उनके इस फैसले से उन्हें बड़ा सेक्युलर नेता बना दिया.
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वहीं जब लालू जब चारा घोटाले में फंसे तो वे अपना उत्तराधिकारी चुनने को लेकर असमंजस में थे. पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं को लग रहा था कि अब उन्हें सीएम की कुर्सी मिलेगी, लेकिन लालू ने दांव खेलते हुए अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनवा दिया. उनके इस फैसले ने सभी को चौंका दिया था. इस तरह राबड़ी देवी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं थीं.
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2015 में हुए विधानसभा चुनाव में जब किसी दल को बहुमत नहीं मिला तो लालू ने नीतीश कुमार से हाथ मिला लिया. महागठबंधन की सरकार में नीतीश को मुख्यमंत्री बनाकर उन्होंने अपने दोनों बेटों (तेज प्रताप और तेजस्वी) को सरकार में शामिल करवाया. तेजस्वी को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली थी और तेज प्रताप स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए थे. हालांकि नीतीश ने 2018 में राजद से गठबंधन तोड़कर वापस बीजेपी के समर्थन से सरकार चलाई. 2021 में भी ऐसा ही देखने को मिला. लालू ने इफ्तार पार्टी में नीतीश को बीजेपी से अलग होने को मना लिया और अब फिर से बिहार में महागठबंधन की सरकार है. लालू के दोनों बेटे सरकार का हिस्सा हैं. तेजस्वी डिप्टी सीएम हैं, तो तेज प्रताप भी कैबिनेट मंत्री हैं.