हम (एस) पार्टी के अध्यक्ष और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने सोमवार (19 जून) को कहा था कि जरूरी नहीं कि वो बीजेपी के ही साथ आएं. उन्होंने कहा था कि हमारे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं.
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Bihar Politics: बिहार में महागठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद जीतन राम मांझी दिल्ली पहुंच चुके हैं. यहां वो बीजेपी के चुनावी 'चाणक्य' यानी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं. माना जा रहा है कि महागठबंधन से अलग होने के बाद मांझी अब एनडीए में वापसी कर सकते हैं. वो काफी पहले से इसका प्रयास कर रहे थे. उन्होंने पहले भी अमित शाह से मुलाकात की थी. आज की मुलाकात में डील फाइनल होनी है. जानकारी के मुताबिक, इस मीटिंग में जीतन राम मांझी अपनी डिमांड को बीजेपी आलाकमान के सामने रख सकते हैं, यदि डील डन हुई तो एनडीए में वापसी का ऐलान भी हो सकता है.
वहीं पार्टी के अध्यक्ष और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने सोमवार (19 जून) को कहा था कि जरूरी नहीं कि वो बीजेपी के ही साथ आएं. उन्होंने कहा था कि हमारे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं. हम सभी ऑप्शन पर विचार कर रहे हैं. अमित शाह से मांझी की मुलाकात पर संतोष सुमन ने कहा कि जीतन राम मांझी जो भी फैसला लेंगे, वो पार्टी को मान्य होगा. उन्होंने कहा कि पार्टी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से मुझे और पार्टी के संस्थापक संरक्षक जीतन राम मांझी को कोई भी फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है. उन्होंने आगे कहा कि जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह पार्टी और राज्य की जनता के हित में होगा.
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दिल्ली में किस-किस से मिलेंगे मांझी?
जीतन राम मांझी से जब ये सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती है. मांझी ने कहा कि वो दिल्ली में सभी नेताओं से मुलाकात करने का प्रयास करेंगे, चाहे वो बसपा के हों या कांग्रेस के. उन्होंने कहा कि हमने अमित शाह से भी मिलने का समय मांगा है. हम राहुल गांधी और मायावती से भी मिलने का प्रयास करेंगे. एनडीए सहयोगियों से भी मुलाकात करने का प्रयास होगा.
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क्या तीसरा मोर्चा भी बनेगा?
संतोष सुमन लगातार तीसरे मोर्चे के गठन की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि यदि बीजेपी नेताओं से बात नहीं बनती, तो तीसरा मोर्चा का गठन किया जाएगा. अब सवाल ये है कि संतोष सुमन के दावों में कितना दम है. क्या देश में तीसरा मोर्चा स्वरूप ले रहा है. इसके संकेत मिल रहे हैं. दलअसल, बसपा और AIMIM सहित तमाम ऐसे दल हैं जो विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं हो रही हैं. ये दल एनडीए का हिस्सा भी नहीं हैं. संभव है कि ये दल मिलकर तीसरे मोर्चे का गठन करें. वहीं मांझी फिलहाल बीजेपी के साथ बड़ी डिमांड रखने की फिराक में हैं, इसलिए वो अपने पत्ते साफ नहीं कर रहे हैं.