Bihar Politics: क्या नीतीश कुमार के बेटे की राजनीति में होगी धुआंधार एंट्री? चर्चा हो गई तेज
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Bihar Politics: क्या नीतीश कुमार के बेटे की राजनीति में होगी धुआंधार एंट्री? चर्चा हो गई तेज

Bihar Politics News: नीतीश के बेटे को राजनीति में क्यों लाना चाहते हैं जदयू नेता. इसको इस तरह से समझिए. जदयू के अधिकांश नेता अपनी पार्टी के भविष्य को लेकर अनिश्चित नजर आ रहे हैं. इसके चलते पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक पुनर्गठन योजना बनाई है.

सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार

Nitish Kumar: क्या बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत की एंट्री होने वाली है? इसकी चर्चा इन दिनों जोरों पर चल रही है. प्रदेश की सियासी गलियारों में इसको लेकर अटकलें तेज हैं. इन अकटलों को और बल तब मिल जाता है कि जब जदयू (JDU) की अंदरूनी कानाफूसी बाहर निकलकर आती है. जिसमें सूत्र ये बताते हैं कि पार्टी के कई बड़े नेता चाहते हैं कि निशांत को राजनीति में आना चाहिए और जदयू (JDU) को संभालना चाहिए. दरअसल, जदयू नेताओं की तरफ से मांग शुरू हो गई है. बिहार के उपभोक्ता संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने 17 जून, 2024 दिन सोमवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सीएम नीतीश से इसकी मांग कर दी है.

उपभोक्ता संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने अपने पोस्ट में लिखा कि बदलते राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में बिहार को एक युवा नेतृत्व की जरूरत है. ई. निशांत में युवा नेतृत्व के सारे गुण मौजूद हैं. वहीं, जदयू के एक अन्य नेता परमहंस कुमार (Paramhans Kumar) ने कहा, 'निशांत के मन में धन या पद का लालच नहीं है.' हालांकि, निशांत की राजनीति में दिलचस्पी कभी खुलकर सामने नहीं आई. मगर, कुछ मौके पर वह अपने पिता के कामकाज की तारीफ करते रहे हैं.

नीतीश के बेटे को राजनीति में क्यों लाना चाहते हैं जदयू नेता. इसको इस तरह से समझिए. जदयू के अधिकांश नेता अपनी पार्टी के भविष्य को लेकर अनिश्चित नजर आ रहे हैं. इसके चलते पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक पुनर्गठन योजना बनाई है, जहां वह शीर्ष नेताओं को बदलेंगे और अपने 49 वर्षीय बेटे निशांत को भी राजनीति में उतारेंगे और अपने नेताओं में प्रेरणा भरने के लिए एक नया राजनीतिक उद्देश्य भी निर्धारित करेंगे. 

सूत्रों के मुताबिक, जबकि नीतीश के करीबी नेता उनके लिए ऐसे नेताओं को चुनना एक चुनौती बताते हैं, जो उनकी पार्टी की भविष्य की दिशा तय कर सकें. फिर भी पार्टी में श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लल्लन सिंह, संजय झा और विजय चौधरी जैसे उनके करीबी सहयोगियों के अलावा, उनकी पुनर्गठन योजना में एक महत्वपूर्ण नाम उनके बेटे निशांत का आ रहा है.

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सूत्रों के मुताबिक, नीतीश के राजनीतिक सलाहकारों के अलावा, जो लंबे समय से सीएम के साथ-साथ राजनीतिक क्षेत्र में मौजूद हैं. निशांत ने पहले राजनीतिक गतिविधियों में बहुत कम या कोई मौजूदगी नहीं दिखाई है. यह भी कहा जाता है कि उनका प्रवास मुख्यमंत्री आवास तक ही सीमित है और महीने में एक बार अपने गृह जिले नालंदा का दौरा भी होता है. हालांकि, पिता-पुत्र की जोड़ी ने हाल ही में एक साथ अपने गृह जिले (नालंदा) का दौरा किया. जहां उन्होंने एक मंदिर में प्रार्थना की और सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लिया.

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