Jharkhand Politics: आपातकाल की काली कारतूतें जान पाएंगे, BJP सांसद ने कांग्रेस के लिए खड़ी कर दी मुश्किल!
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Jharkhand Politics: आपातकाल की काली कारतूतें जान पाएंगे, BJP सांसद ने कांग्रेस के लिए खड़ी कर दी मुश्किल!

 बीजेपी सांसद दापक प्रकाश ने शाह की अध्यक्षता में गठित जांच आयोग की रिपोर्ट को उन्होंने लोकहित और देशहित में सार्वजनिक करने की मांग 

दीपक प्रकाश

Jharkhand Politics: बीजेपी सांसद दापक प्रकाश ने शाह की अध्यक्षता में गठित जांच आयोग की रिपोर्ट को उन्होंने लोकहित और देशहित में सार्वजनिक करने की मांग 

  1. Jharkhand Politics: कांग्रेस पार्टी बीते कुछ वर्षों से लोकतंत्र की काफी दुहाई दे रही है और संविधान बचाने की बात कहती नजर आती है. हालांकि, कल (गुरुवार, 26 जुलाई) को राज्यसभा में झारखंड से बीजेपी सांसद दीपक प्रकाश ने एक ऐसी  महत्वपूर्ण मांग कर दी, जिसपर बहुत ज्यादा मीडिया ने फोकस नहीं किया. लेकिन अगर सरकार से यह मांग पूरी हो गई तो कांग्रेस के संविधान बचाओ नारे की धज्जियां उड़ जाएंगी. दरअसलस बीजेपी सांसद दीपक प्रकाश बीजेपी के सचेतक दीपक प्रकाश ने आपातकाल में ज्यादतियों की जांच के लिए गठित शाह कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है.
  2. दीपक प्रकाश ने सदन में कहा कि 28 मई 1977 को भारत सरकार की ओर से आपातकाल के समय की गई ज्यादतियों की जांच के लिए देश के पूर्व मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति जेसी शाह की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया था. इस आयोग की रिपोर्ट को ही कांग्रेस सरकार ने नष्ट करवा दिया था. बीजेपी सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार में इस रिपोर्ट को नष्ट कर दिया गया था, लेकिन इसकी एक कॉपी ऑस्ट्रेलिया की सेंट्रल लाइब्रेरी में आज भी मौजूद है. दीपक प्रकाश ने सरकार से उस कॉपी को ऑस्ट्रेलिया से मंगाकर देश में सार्वजनिक करने की मांग की. उन्होंने कहा कि देशहित में सार्वजनिक उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए.
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  4. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बीजेपी सांसद दीपक प्रकाश की मांग का समर्थन किया. उन्होंने सरकार से आपातकाल की ज्यादतियों पर तैयार की गई शाह आयोग की रिपोर्ट को सदन पर रखने की संभावना तलाशने को कहा. धनखड़ ने कहा कि शाह आयोग ने लोकतंत्र के सबसे काले दौर की जांच की रिपोर्ट  थी. उन्होंने उस काल खंड को 'डार्केस्ट पीरियड ऑफ इंडियन डेमोक्रेसी' के रूप में संबोधित किया और इस विषय को अति महत्वपूर्ण बताया.

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