Five Muslim Leaders of BJP: भाजपा के 5 मुस्लिम नेता, जिनको मिलीं राजनीतिक बुलंदियां
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Five Muslim Leaders of BJP: भाजपा के 5 मुस्लिम नेता, जिनको मिलीं राजनीतिक बुलंदियां

BJP Muslim Leaders: सिकंदर बख्त से लेकर आरिफ मोहम्मद खान तक, उदारवाद मुस्लिम चेहरे के रूप में ये नेता भाजपा आलाकमान की काफी पसंद रहे हैं. समय समय पर पाटी्र ने इन नेताओं को इनाम देकर पुरस्कृत भी किया है. 

भाजपा के 5 मुस्लिम नेता, जिनको मिलीं राजनीतिक बुलंदियां

बिहार के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पटना पहुंच चुके हैं. जल्द ही वे बिहार के नए राज्यपाल के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं. नजमा हेपतुल्ला के बाद आरिफ मोहम्मद खान दूसरे मुस्लिम नेता हैं, जिनको मोदी सरकार ने राज्यपाल बनाया है. नजमा हेपतुल्ला को मोदी सरकार ने मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया था. 

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आरिफ मोहम्मद खान

आरिफ मोहम्मद खान ने 1970 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. तब वे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के लोकदल से जुड़े थे. उसके बाद वे राजीव गांधी के विश्वासपात्र बने, लेकिन शाहबानो केस के बाद उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था और वीपी सिंह की सरकार में मंत्री बन गए थे. शाहबानो केस के बाद से ही वे भाजपा की गुड बुक में आ गए थे और उसके बाद समय समय पर इसका इनाम पाते गए. बिहार के राज्यपाल बनने से पहले आरिफ मोहम्मद खान केरल के राज्यपाल के रूप में काम कर चुके हैं. आज हम आपको 5 ऐसे मुस्लिम नेताओं के बारे में बताएंगे, जिन्होंने भाजपा में रहकर भी राजनीतिक बुलंदियों को छुआ. 

सिकंदर बख्त

भाजपा के शुरुआती दिनों में कुछ गिने चुने नेता ही ऐसे थे, जिनका उल्लेख किया जा सकता था. इन नामों में सिकंदर बख्त का नाम प्रमुख है. 1980 से लेकर 1990 के दशक में सिकंदर बख्त पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे थे. उनकी महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिन की सरकार में भी वे शहरी विकास मामलों के मंत्री बनाए गए थे. 1998 से 2002 तक वे वाजपेयी सरकार में वाणिज्य मंत्री के रूप में काम करते रहे थे. 2002 में उन्हें केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था.

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सैयद शाहनवाज हुसैन

भाजपा के मुस्लिम चेहरों में जिन नामों की चर्चा होती हैं, उनमें बिहार के पूर्व उद्योग मंत्री और वाजपेयी सरकार के सबसे कम उम्र के मंत्रियों में से एक सैयद शाहनवाज हुसैन भी एक हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के समय में सैयद शाहनवाज हुसैन वाजपेयी सरकार के सबसे युवा मंत्रियों में से एक थे. बाद में उन्हें किसी भी पद के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें बिहार का उद्योग मंत्री बनाया गया था, लेकिन नीतीश कुमार के पाला बदलने के कारण उनका मंत्री पद चला गया. 

मुख्तार अब्बास नकवी

सैयद शाहनवाज हुसैन की तरह मुख्तार अब्बास नकवी का उदय भी वाजपेयी सरकार के दौरान ही हुआ था. वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे मुख्तार अब्बास नकवी वर्षों तक भाजपा के मुस्लिम चेहरे के रूप में काम करते रहे थे. तीन तलाक कानून जब पास हो रहा था, तब मुख्तार अब्बास नकवी ने कई बार प्रवक्ता के रूप में सरकार का पक्ष रखा था और मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए कानून के पक्ष में माहौल बनाते रहे थे. लेकिन दूसरे कार्यकाल में पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट को बड़ा फेरबदल किया, जिसके बाद से मुख्तार अब्बास नकवी अब मंत्री नहीं हैं और उन्हें अभी तक राज्यपाल भी नहीं बनाया गया है. 

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नजमा हेपतुल्ला

नजमा हेपतुल्ला नरसिम्हा राव की सरकार के समय राज्यसभा की उपसभापति के रूप में कार्यरत थीं, लेकिन बाद में वे भाजपा में शामिल हो गईं. 2014 में बनी मोदी सरकार में नजमा हेपतुल्ला अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री बनाई गई थीं. इसके अलावा उन्हें मणिपुर के राज्यपाल के रूप में भी काम करने का अनुभव ​हासिल हो चुका है. वे भाजपा की उपाध्यक्ष पद पर भी काम कर चुकी हैं.

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