Naxalite Surrender: नक्सली समस्या से जूझ रहे बिहार-झारखंड में पुलिस को सोमवार (15 मई) को बड़ी सफलता हासिल हुई है. बिहार और झारखंड में तांडव मचा कर रखने वाले गोरा यादव और विधि विरुद्ध किशोर ने 15 मई को पुलिस के सामने हथियार डाल दिए. दोनों का नाम हार्डकोर नक्सलियों में शुमार होता है. दोनों पर कोबरा बटालियन के 2 जवानों और एक स्थानीय नागरिक की हत्या का आरोप है. दोनों नक्सलियों ने औरंगाबाद में पुलिस के सामने आत्मसमपर्ण किया. पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम ने इसकी जानकारी दी.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हार्डकोर नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई और आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दोनों ने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि कहा कि दोनों हार्डकोर नक्सली औरंगाबाद जिला सहित आसपास के जिलों के दर्जनों कांडों में फरार चल रहे थे. इनके द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर कई जघन्य कांडों को अंजाम दिया गया था. स्वप्ना जी मेश्राम ने कहा कि अब दोनों से कई अन्य जघन्य कांडों की पूछताछ की जा रही है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दोनों नक्सलियों ने एक SLR राइफल, एक मैगजीन, 53 राउंड गोली और एक देशी कट्टा जमा किया है. आत्म समर्पण नीति के तहत दोनों को ढाई-ढाई लाख रुपये मिलेंगे. ये रुपये इनके बैंक खाते में FD के रूप में जमा किए जाएंगे. इसका प्रयोग वे तीन साल बाद कर सकेंगे. इसके अलावा उन्हें नई जिंदगी शुरू करने के लिए स्वरोजगार योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा. इतना ही नहीं अपना रोजगार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपए स्टाइपेंड के रूप में मिलेंगे.
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि औरंगाबाद पुलिस और यहां प्रतिनियुक्त केंद्रीय सुरक्षाबलों की ओर से अंतरराज्यीय हार्डकोर नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने के लिए भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान से नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण पाने में काफी हद तक मदद मिलेगी. एक हफ्ते पहले ही झारखंड में 5 बड़े नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था. सभी नक्सलियों ने झारखंड पुलिस और CRPF के पदाधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. उसी वक्त कहा जा रहा था कि अभी और नक्सली सरेंडर करेंगे.