राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों ने समय से पहले रिहाई की मांग की थी. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था.
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पटना/नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नलिनी श्रीहर समेत उन सभी 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दे दिए हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या में शमिल थे. इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मामले के दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन के मामले में शीर्ष अदालत का फैसला अन्य दोषियों पर भी लागू होता है. दरअसल, शीर्ष अदालत ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था. उन्होंने जेल में 30 साल से अधिक सजा काटी थी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जिनकी रिहाई का आदेश दिया गया है, उनमें नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस शामिल हैं.
राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों ने समय से पहले रिहाई की मांग की थी. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था. मामले में पहले हुई सुनवाई के दौरान दो अलग-अलग हलफनामों में राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि 9 सितंबर, 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक में उसने मामले में सात दोषियों की दया याचिकाओं पर विचार किया था और राज्यपाल से अपनी शक्तियों का प्रयोग करके उनकी आजीवन कारावास की सजा में छूट की सिफारिश की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, जेल में आचरण को भी ध्यान में रखा गया है. तथ्य यह है कि उन्होंने 30 साल से अधिक जेल में बिताए हैं. राज्य मंत्रिमंडल का निर्णय राज्यपाल पर बाध्यकारी है, लेकिन राज्यपाल ने चार साल से कार्रवाई नहीं की. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी को रिहा कर दिया.