पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का निधन हो गया है. उनके निधन के बाद देश में शोक की लहर हैं. उनके निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. सभी की निगाह एक बार फिर से मधेपुरा संसदीय सीट पर टिक गई है. शरद यादव कई बार यहां से कई बार सांसद रह चुके हैं.
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Patna: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का निधन हो गया है. उनके निधन के बाद देश में शोक की लहर हैं. उनके निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. सभी की निगाह एक बार फिर से मधेपुरा संसदीय सीट पर टिक गई है. शरद यादव कई बार यहां से कई बार सांसद रह चुके हैं. इस सीट पर इस समय शरद यादव की बेटी सुभाषिणी यादव और बेटा शांतनु बुंदेला की दावेदारी है. ये दोनों ही सक्रिय राजनीति में भी हैं. 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में सुभाषिणी यादव लड़ चुकी हैं.
सुभाषिणी यादव को माना रहा है कि उत्तराधिकारी
उनकी बेटी सुभाषिणी यादव ने ही उनके निधन की जानकारी दी थी. इसके बाद वो राजनीतिक तौर पर काफी सक्रिय रहती हैं. वो इस समय कांग्रेस पार्टी में हैं. वो राहुल गांधी की यात्रा में भी शामिल हो चुकी है. उनका कोसी (Kosi) से पुराना लगाव भी हैं. वो अपने पिता के साथ भी राजनीतिक तौर पर सक्रिय रही हैं. शरद यादव भी कई बार इस बात को कह चुके थे कि वो चाहते हैं कि उनके परिवार का ही कोई सदस्य मधेपुरा सीट से चुनाव लड़ें. उनके निधन के बाद इस सीट पर ही सभी की निगाह रुक गई है.
चुनाव में करना पड़ा था हार का सामना
सुभाषिनी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बिहारी गंज सीट से चुनाव लड़ा था. इस दौरान उन्हें हार का समाना करना पड़ा था. इसके हार के बाद वो मधेपुरा में बहुत ज़्यादा सक्रिय नहीं रही है. वो इस समय राष्ट्रीय राजनीति में अधिक सक्रिय हैं. लेकिन अब जब उनके पिता नहीं रहे है तो सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या वो शरद यादव की विरासत को संभाल पाएगी. इसके अलावा क्या वो मधेपुरा में चुनाव लड़ेगी.