प्रकृति ने हमें वनस्पति के रूप में अपने शरीर को पुष्ट करने के लिए कई वरदान दिए हैं. जिनमें से एक सफेद मूसली भी है. इस जड़ी का इस्तेमाल शक्तिवर्धक के रूप में किया जाता है. इससे मुख्यतः सेक्स पावर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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Kali Musli Ke Fayde: प्रकृति ने हमें वनस्पति के रूप में अपने शरीर को पुष्ट करने के लिए कई वरदान दिए हैं. जिनमें से एक सफेद मूसली भी है. इस जड़ी का इस्तेमाल शक्तिवर्धक के रूप में किया जाता है. इससे मुख्यतः सेक्स पावर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही यह गठिया, डायबिटीज, यूटीआई आदि बीमारियों को दूर करने में भी बहुपयोगी है. यही वजह है कि इसे 'हर्बल वियाग्रा' के नाम से भी जाना जाता है
आयुर्वेद के लिए वरदान है काली मूसली
क्या आपको पता है कि सफेद ही नहीं मूसली की एक किस्म काली भी होती है और इसका उपयोग भी आयुर्वेद में किया जाता है. मानव जीवन के बहुपयोगी जड़ी-बूटियों में काली मूसली का भी अपना स्थान है. बहुत कम लोग होंगे जो काली मूसली के किस्म से परिचित होंगे. आयुर्वेद के अनुसार मूसली के दो प्रकार हैं एक सफेद मूसली और दूसरी काली मूसली. सफेद मूसली का उपयोग तो यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है लेकिन काली मूसली का उपयोग क्यों किया जाता है इसके बारे में आपको बताते हैं.
सफेद मूसली की तरह काली मूसली भी बढ़ाता है यौन क्षमता
काली मूसली का उपयोग भी औषधि के रूप में किया जाता रहा है और यह बहुत से रोगों के लिए फायदेमंद है. इसका उपयोग सफेद मूसली की तरह ही यौन दुर्बलता को ठीक करने के साथ ही शरीर की मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने में किया जाता है. इसके साथ ही इसका उपयोग मूत्र या यूरिन से संबंधित रोगों के उपचार में भी किया जाता है.
कफ को बढ़ाने वाली औषधी है काली मूसली, संभलकर करें उपयोग
काली मूसली का स्वाद भी हल्का मीठा और कड़वापन लिए होता है. इसकी तासीर काफी गर्म होती है. ऐसे में बिना चिकित्सकीय परामर्श के इसको लेना आपके लिए नुकसानदायी हो सकता है. काली मूसली का सेवन कफ के रोग से ग्रसित लोगों के लिए वर्जित है क्योंकि यह वात-पित्त को कम करनेवाली और कफ को बढ़ाने वाली औषधी है. इसका उपयोग शरीर में जलन, थकान, पाइल्स के इलाज में भी किया जाता है. साथ ही यह रक्त को सोधक भी है.
मूत्र विकारों के इलाज में भी उत्तम है काली मूसली
यह मूत्र विकारों में भी लाभकारी है. इसके साथ ही यह बुखार के साथ ही यह मधुमेह या डायबिटीज के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद है. सफेद दाग के इलाज के साथ पीलिया और सांस संबंधी बीमारियों में भी इसका बहुतायत उपयोग किया जाता है. कमजोर पाचन शक्ति और उल्टी-दस्त जैसी समस्या में भी इसका उपयोग फायदेमंद है.
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