सदर अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों को उनके तीमारदार गोदी में उठाकर इमरजेंसी वार्ड ले जा रहे है. अस्पताल का हाल बिलकुल बेकार है.
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सहरसा: एक तरफ बिहार सरकार सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए करोड़ों की राशि खर्च कर रही है. वहीं बिहार के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने में लगे हैं, लेकिन इन सबके बावजूद सहरसा के कोसी इलाके का पीएमसीएच कहलाने वाले सदर अस्पताल की व्यवस्था बद से बत्तर बनी हुई है.
अस्पताल में स्ट्रेचर की नहीं है व्यवस्था
आलम यह है कि यहां आने वाले गम्भीर मरीजों को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं होता है. जिसकी वजह से मरीज के परिजन उन्हें कंधे में टांगकर इलाज करवाने के लिए मजबूर हैं. सदर अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों को उनके तीमारदार गोदी में उठाकर इमरजेंसी वार्ड ले जा रहे है. अस्पताल का हाल बिलकुल बेकार है. यहां आने वाले मरीज काफी परेशान है, लेकिन सरकार है कि इस समस्या की ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है.
गंदगी से पसरा हुआ है अस्पताल परिसर
वहीं सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर खुले आसमान के नीचे अस्पताल में यूज किया गया कचरा को डंप किया जाता है. जिससे संक्रमण फैलने का भी खतरा बना हुआ रहता है. इस बाबत स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह से सदर अस्पताल में लाखों रुपये खर्च करके अस्पताल को रंग रोगन करके चमका दिया गया हो, लेकिन अस्पताल की स्थिति अभी तक नही सुधरी है. अस्पताल के कर्मी लापरवाह बने हुए हैं मरीजों को एक स्ट्रेचर तक नसीब नही हो रहा है इसके लिए अस्पताल प्रसासन जिम्मेदार है, लेकिन यहां कोई देखने वाला नहीं है.
इनपुट- विशाल कुमार
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