बिहार में 10 लाख नौकरी को लेकर प्रशांत किशोर का नीतीश-तेजस्वी को चैलेंज
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बिहार में 10 लाख नौकरी को लेकर प्रशांत किशोर का नीतीश-तेजस्वी को चैलेंज

नीतीश के पुराने साथी पीके...नीतीश के नए 'दुश्मन' बन गए हैं! पीके यानी प्रशांत किशोर नीतीश पर तीर चला रहे हैं. उनकी निगाहें नीतीश पर हैं लेकिन निशाना लगता है कि अपनी सियासत है. 

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव. (फाइल फोटो)

पटना: जेडीयू के पूर्व नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खासमखास प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर नीतीश-तेजस्वी की सरकार एक या दो साल में 10 लाख नौकरियां दे देती है तो मैं जन सुराज अभियान बंद कर दूंगा. पीके ने पूछा है कि स्कूलों में पढ़ा रहे टीचरों को सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं तो नई नौकरियां कहां से देंगे? 

  1. प्रशांत किशोर नीतीश कुमार पर चला रहे तीर
  2. PK ने 10 लाख नौकरी को लेकर दी चुनौती

'नीतीश कुर्सी पर फेविकोल लगाकर चिपके हैं'
प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि नीतीश कुर्सी पर फेविकोल लगाकर चिपके हुए हैं. पार्टियां इधर से उधर होती रहती हैं लेकिन ये नहीं हिलते. 

'तेजस्वी का नौकरी देने का वादा'
बता दें कि तेजस्वी ने 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया है. सरकार बनने के बाद उन्होंने ये भी कहा है कि एक महीने में ही नौकरियों की बौछार कर देंगे. 

PK के निशाने पर कोई और
दरअसल प्रशांत किशोर नौकरी और रोजगार के मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर तीर तो चला रहे हैं लेकिन उनका निशाना कोई और है. और वो है बिहार का युवा वोटर. बिहार में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है. यही वजह है कि ये मुद्दा तेजस्वी का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा था और यही वजह है कि प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे को तेजी से लपकने की कोशिश की है. 

टूटने वाला है वादा!
वो (प्रशांत किशोर) भी जानते हैं कि बिहार जैसे पिछड़े राज्य में तुरत-फुरत 10 लाख नौकरियां देना संभव नहीं है. उसके लिए बहुत ग्राउंड वर्क चाहिए. तेजस्वी ये चमत्कार कर दें तो अलग बात है लेकिन सबको यही आशंका है कि ये वादा तो टूटने वाला है. लिहाजा युवाओं की तकलीफ को जो आवाज देगा, उसके पीछे युवा वोटर हो सकता है.

PK सियासत में करेंगे इंट्री?
मई में जब प्रशांत किशोर ने जन सुराज का एलान किया तो ये पत्ता नहीं खोला कि वो सियासी मैदान में कूदने जा रहे हैं या नहीं. लेकिन 18 अगस्त को नीतीश को निशाना बनाते वक्त उन्होंने जो बातें कही हैं उससे काफी कुछ इशारा मिल रहा है. 

2025 के महासमर में उतरेंगे PK?
उन्होंने कहा कि अभी हमको आए हुए तीन महीने ही हुए हैं और बिहार की राजनीति 180 डिग्री घूम गई है. प्रशांत किशोर पिछले कुछ महीनों से बिहार में जनसुराज अभियान चला रहे हैं. ऐसा लगता है कि औपचारिक तौर पर पार्टी का ऐलान करने के पहले वो ग्राउंड वर्क कर रहे हैं और हो सकता है कि वो 2025 के चुनाव समर में उतर जाएं. 

मिशन बिहार में जुटे PK!
वैसे तो पीके की राष्ट्रीय महत्वाकाक्षाएं हैं, क्योंकि जनसुराज के ऐलान से पहले उन्होंने कांग्रेस से बातचीत की थी. लेकिन दिल्ली में उनकी बात नहीं बनी तो बिहार आए.  लिहाजा अब यही तय लग रहा है कि प्रशांत अपने राष्ट्रीय मिशन से पहले मिशन बिहार में जुटे हुए हैं. 

वैसे भी बिहार के जमीन नई सियासी शुरुआत के लिए हमेशा उर्वर रही है. ये सियासतदानों की ही देन है कि यहां वो मुद्दे हमेशा ही बने रहे, जिनकी बुनियाद पर नेता अपने करियर की भव्य इमारत खड़ा करते रहे हैं.

लालू, नीतीश, रामविलास तक ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है. तमाम नेता सियासत के स्टार बन गए लेकिन यहां बेरोजगारी, गरीबी, कुव्यवस्था बनी रही, बिहारियों की तकलीफ यहां शाश्वत है.

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