Nag Panchmi 2022: इस बार नागपंचमी में बन रहे हैं ये शुभ संयोग, जानिए क्या मिलेगा लाभ
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Nag Panchmi 2022: इस बार नागपंचमी में बन रहे हैं ये शुभ संयोग, जानिए क्या मिलेगा लाभ

Nag Panchmi 2022: इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त 2022 को है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 2 अगस्त को सुबह 05 बजकर 14 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 3 अगस्त को सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक रहेगी.

Nag Panchmi 2022: इस बार नागपंचमी में बन रहे हैं ये शुभ संयोग, जानिए क्या मिलेगा लाभ

पटनाः Nag Panchmi 2022: सावन मास में जहां आकाश में वर्षा की झड़ी लगी होती है तो वहीं, यह महीना त्योहारों के कई सिलसिले भी लेकर आता है. सावन के महीने में शिव पूजा होती है, इसी दौरान उनके कंठहार नाग देवता को भी पूजा जाता है. इसे नागपंचमी कहते हैं. नाग पंचमी हर साल सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस बार नाग पंचमी सावन के तीसरे सोमवार के बाद मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल नाग पंचमी 02 अगस्त को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. 

नाग पंचमी 2022 शुभ मुहूर्त
इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त 2022 को है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 2 अगस्त को सुबह 05 बजकर 14 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 3 अगस्त को सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक रहेगी. नाग पंचमी पूजा मुहूर्त 02 अगस्त को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगी. नाग पंचमी के दिन मंगलवार होने से संजीवनी योग बन रहा है. इसके साथ ही इस दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र का भी खास संयोग बन रहा है. इसके अलावा इस दिन रवि योग और सिद्धि योग का भी खास संयोग है.

नागपूजा से कालसर्प होता है दूर
सावन में नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करना शुभ माना गया है. इस दिन नाग पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है तथा विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन 12 नागों की पूजा की जाती है.  इन नागों में अनन्त, वासुकि, शेष, पद्य, कम्बल, कर्काटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालिया, तक्षक एवं पिंगल नाग की पूजा होती है. नाग पंचमी के दिन सांप को कोई कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए,  बल्कि उनकी पूजा कर उनकी रक्षा करनी चाहिए. 

नाग पंचमी पूजा सामग्री-
नाग देवता की प्रतिमा या फोटो, दूध, पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि.

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