दिल्ली में दिग्गज नेताओं के बीच मुलाकात से चढ़ा सियासी पारा, पटना से दिल्ली तक गरमाई राजनीति
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दिल्ली में दिग्गज नेताओं के बीच मुलाकात से चढ़ा सियासी पारा, पटना से दिल्ली तक गरमाई राजनीति

दिल्ली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) की मुलाकात, फिर लालू यादव की अपने रिश्तेदार और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात के बाद सियासत तेज है.

लालू व शरद मुलाकात से बिहार में सियासत तेज

Patna: नेताओं की सियासी मुलाकातें उतनी ही अहम मानी जाती हैं, जितना अहम लोकतंत्र में चर्चा, बहस और गठबंधन का होना है. अक्सर ऐसा देखा गया है कि दो सियासी हस्तियों के मिलने से सत्ता-समीकरण भले न बदले, लेकिन कयासों का दौर शुरू हो जाता है. इन दिनों एक-दो सियासी हस्तियां नहीं, बल्की कई सियासी दिग्गजों का एक दूसरे से मुलाकातों का दौर जारी है और इन मुलाकातों के बाद दिल्ली से लेकर पटना तक सियासी हलचल तेज हो गई है. 

एक सप्ताह पहले दिल्ली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) की मुलाकात, फिर लालू यादव की अपने रिश्तेदार और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात के बाद सियासत तेज है. इधर, बिहार के सीएम नीतीश कुमार की इसी हफ्ते इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकात और फिर मंगलवार को पूर्व मंत्री शरद यादव से लालू यादव की मुलाकात ने इस बहस को और मजबूती दी है.

इसके अलावा, लालू-मुलायम, शरद, नीतीश चौटाला की मुलाकातों के बीच इधर 15 विपक्षी नेताओं से राहुल गांधी की मुलाकात और फिर अमित शाह से शरद पवार की मुलाकात ने सियासी समीकरण को लेकर अटकलों को हवा दी है.

ये मुलाकात एक बहाना है!
कई बड़े नेताओं के मिलने जुलने के बीच ये चर्चा आम हो गई है कि सियासी लोगों की मुलाकात तो बस बहाना है और दो सियासी लोगों की मुलाकात में मौसम की बातें नहीं होती. हालांकि, इन सियासी मुलाकातों में दो मुलाकातें सबसे अहम मानी जा रही हैं. पहली लालू यादव की मुलायम सिंह यादव और फिर मंगलवार को शरद यादव से मुलाकात और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात. 

ऐसा इसलिए क्योंकि शरद पवार जिन महाराष्ट्र के किसानों की चिंता को लेकर सहकारिता और गृह मंत्री से मिल रहे थे उसी रोज सुबह एनसीपी व कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बुलावे पर विपक्षी सांसदों की 'ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स' में शामिल हो चुकी थी.  

इधर, लालू मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव से मिलने उनके घर पहुंचे. इससे पहले सोमवार को उन्‍होंने दिल्ली में ही अपने रिश्‍तेदार और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. शरद यादव के यहां लालू के साथ उनकी बेटी मीसा भारती और आरजेडी नेता प्रेमचंद्र गुप्ता भी पहुंचे थे. 

शरद यादव के आवास पर पहुंचे लालू यादव

शरद यादव के आवास पर नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत होती रही और जब लालू यादव  शरद यादव के घर से मिलकर निकले तो उन्होनें कहा कि शरद यादव पुराने लीडर हैं उनसे मिलने आए थे. वहीं, नीतीश कुमार को लेकर उपेंद्र कुशवाहा के पीएम मैटेरियल वाले बयान पर लालू यादव ने कहा कि इस बारे में नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए. वहीं जातीय जनगणना को लेकर भी लालू यादव ने कहा कि जरूर होना चाहिए. दो दिन में देश के दो बड़े राजनीतिज्ञों से लालू की इस मुलाकात को जहां निजी मुलाकात बताया जा रहा है तो वहीं इसके राजनीतिक मायने भी तलाशे जा रहे हैं. 

राहुल के 'ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स' में 15 दलों के नेता हुए शामिल 
जब लालू यादव समाजवादी नेताओं से मिल रहे थे तो उधर संसद में BSP और AAP को छोड़ कर करीब 15 पार्टियां राहुल गांधी के बुलावे पर इकट्ठा हुई थीं और फिर विपक्षी दलों के नेता एक साथ साइकिल से संसद पहुंचे. आरजेडी, शिवसेना, एनसीपी के नेताओं के साथ कई नेता राहुल गांधी के साथ संसद पहुंचे. इस दौरान राहुल गांधी ने पेगासस मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की, और विपक्षी नेताओं को एकजुट रहने की अपील की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्षी पार्टियों को नाश्ते पर बुलाया था. जाहिर है उनके नाश्ते में जायके का स्वाद चाहे जो भी रहा हो, इन मुलाकातों ने सियासी गर्माहट बढ़ा दी है.

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