Karnataka Election Results 2023: क्या फिर दिखेगी 2018 वाली तस्वीर या कर्नाटक चुनाव से विपक्षी एकजुटता को मिलेगी नई ताकत?
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Karnataka Election Results 2023: क्या फिर दिखेगी 2018 वाली तस्वीर या कर्नाटक चुनाव से विपक्षी एकजुटता को मिलेगी नई ताकत?

कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्षी एकता की नई इबारत लिखने की कोशिश की जाएगी. कांग्रेस के शपथ ग्रहण में सभी विपक्षी दलों को निमंत्रण दिया जा सकता है.

विपक्षी एकता

Karnataka Election Results 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तस्वीर अब काफी हद तक साफ हो चुकी है. रुझानों में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है. 224 विधानसभा सीटों वाले इस प्रदेश में कांग्रेस को 134 सीटें मिलती दिख रही हैं. दोपहर 2 बजे के बाद अब उम्मीद कम है कि रुझानों और परिणामों में ज्यादा अंतर देखने को मिलेगा. कर्नाटक चुनाव से साफ है कि कांग्रेस ने बीजेपी का दक्षिण किला ध्वस्त कर दिया है. इसी के साथ दक्षिण भारत से बीजेपी पूरी तरह से बाहर हो चुकी है. वहीं क्या अब इसके बाद विपक्षी एकता को नई ताकत मिलेगी या एक बार फिर से 2018 वाली तस्वीर ही देखने को मिलेगी. 

कर्नाटक में अब कांग्रेस की सरकार देखने को मिलेगी. कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को बेंगलुरु बुलाया है. यहां से उन्हें सरकार बनने तक किसी सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने का प्लान बनाया गया है. अपने विधायकों को बीजेपी से दूर रखने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे खुद बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं. इसके अलावा पूर्व सीएम सिद्धारमैया और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी बेंगलुरु पहुंच रहे हैं. 

कर्नाटक से कांग्रेस को मिली संजीवनी

कर्नाटक में कांग्रेस अकेले बहुमत हासिल करती दिख रही है. ये उसके लिए संजीवनी से कम नहीं है. कर्नाटक फतह से कांग्रेसियों में नए जोश का संचार होगा, जो उसके लिए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में काफी काम आएगा. इसके अलावा विपक्षी एकजुटता की कवायद में क्षेत्रीय दल अब कांग्रेस पर हावी नहीं हो सकेंगे. हो सकता है कि अब कांग्रेस खुद विपक्षी एकता की अगुवाई करती दिख जाए. कांग्रेस की कोशिश होगी कि अब वो क्षेत्रीय दलों को ये संदेश दे कि बिना उसके बीजेपी को हराना नामुमकिन होगा. 

कहीं 2018 वाली तस्वीर ना दिखे?

कांग्रेस पार्टी की ओर से इस जीत को सेलीब्रेट करने का प्लान तैयार किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्षी एकता की नई इबारत लिखने की कोशिश की जाएगी. कांग्रेस के शपथ ग्रहण में सभी विपक्षी दलों को निमंत्रण दिया जा सकता है और लोकसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत का प्रदर्शन किया जा सकता है. हालांकि, ऐसी तस्वीर हम 2018 में भी देख चुके हैं, जब एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण में सभी विपक्षी नेता एक मंच पर जुटे थे. उस वक्त विपक्षी नेताओं को एक छतरी के नीचे खड़े करने का काम आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू कर रहे थे. 

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नीतीश का कद छोटा पड़ सकता है

विपक्षी एकजुटता की मुहिम में जुटे नीतीश कुमार ने खुद कहा था कि कर्नाटक चुनाव के बाद पटना में एक बैठक आयोजित की जाएगी. अब इस बैठक में कांग्रेसी नेता अपना सिर ऊंचा और छाती चौड़ी करके पहुंचेंगे. वहीं अब तक कांग्रेस से मुंह बिचकाते रहने वाले या पीएम पद का सपना देखने वाले दूसरे विपक्षी दलों को कर्नाटक में कांग्रेस की कामयाबी के बाद अब अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मजबूरी होगी. विपक्ष में बिना किसी मशविरा के शरद पवार को विपक्ष को लीड करने का मुंबई जाकर न्यौता दे आए नीतीश की पूछ भी अब घट जाएगी.

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