Jehanabad Latest News: जहानाबाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काको में नसबंदी कराने आई महिला को बेहोश कर ऑपरेशन थिएटर से डॉक्टर भाग गए. डॉक्टर का कहना है कि महिला मोटी है, इसलिए ऑपरेशन करने में समस्या हो सकती है.
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Jehanabad News: बिहार के जहानाबाद में सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान है. सब यही सोच रहे हैं जिन डॉक्टरों को हम इंसानों के रूप में भगवान का दर्जा देते हैं. वह इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं? दरसअल, पूरा मामला काको प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काको का है. यहां नसबंदी कराने आई महिला को डॉक्टर ने ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर बेहोश करने के बावजूद ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया और मरीज को बेहोशी की हालत में ही ऑपरेशन थियेटर में छोड़कर मौके से भाग निकले.
नसबंदी कराने आई महिला नालंदा जिला के तेलहाड़ा थाना अंतर्गत गंगा बिगहा की रहने वाली है. जिसका पाली थाना अंतर्गत नगवां गांव में मायके है. महिला के पति मनीष कुमार ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से आपरेशन नहीं करने के संबंध में कोई साफ जानकारी नहीं दी गईं. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थीं, ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर बेहोशी की इंजेक्शन लगाया गया, लेकिन बेहोशी की हालत में ही डॉक्टर छोड़कर फरार हो गए और अचानक ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया.
वहीं, महिला को बेहोशी की हालत में छोड़ने और ऑपरेशन नहीं करने की खबर पर परिजन और स्थानीय लोग भड़क उठे. इस संबंध में आशा ने बताया कि वह अपने गांव की महिला को नसबंदी का ऑपरेशन कराने को लेकर आई थी, जहां उसका आठवां नंबर था. डॉक्टर ने उसे मोटी कहते हुए अंतिम में ऑपरेशन करने की बात कही. जिसके बाद महिला और उसके परिजन अपने बारी का इंतेजार करने लगे. 13 लोगों के बाद जब अंतिम बारी आई तो डॉक्टर ने ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर महिला को बेहोश करने के बावजूद ऑपरेशन करने से इंकार कर दिया और मरीज को बेहोशी की हालत में ही ऑपरेशन थियेटर में छोड़कर मौके से फरार हो गए. इसकी शिकायत प्रभारी चिकित्सक से की.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सुभाष प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में एक भी सर्जन उपलब्ध नहीं है. सिविल सर्जन की तरफ से डॉक्टर राजेश कुमार को डिप्टेशन में भेजा गया था. वही ऑपरेशन कर रहे थे. महिला को बेहोशी की हालत में ऑपरेशन नहीं करने के संबंध में जानकारी के बाद डॉक्टर राजेश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि महिला फैटी है. आपरेशन से समस्या उत्पन्न हो सकती है. ऊपर 8 परिस्थिति में अनुभवी सर्जन भेजने के लिए सिविल सर्जन से निवेदन किया गया है.
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बहरहाल, यह घटना सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्थाओं और चिकित्सा सेवा में लापरवाही को उजागर करती है. हालांकि, जानकारों का कहना है कि एनेस्थीसिया देकर ऑपरेशन न करना न केवल मरीज की जान के लिए खतरा है, बल्कि चिकित्सा मानकों का भी उल्लंघन है. स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.
रिपोर्ट: मुकेश कुमार
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