सफेद मूसली का इस्तेमाल बतौर शक्तिवर्धक किया जाता है, यह सेक्स पावर बढ़ाने में खास तौर पर गुणकारी है.इसे 'हर्बल वियाग्रा' के नाम से भी जाना जाता है. इसी तरह काली मूसली का उपयोग भी आयुर्वेद में किया जाता है
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Kali Musli Benefits: इस भागदौड़ भरी जिंदगी और बदली हुई जीवन शैली में हम अपने स्वास्थ्य की तरफ ध्यान नहीं दे पाते हैं. ऐसे में आजकल जहां लोग, एक तरफ मधुमेह, रक्तचाप, गठिया और यूरीन की तमाम बीमारियों से परेशान हो रहे हैं, तो वहीं यौन क्षमता में कमी से भी जूझना पड़ सकता है. हमारी प्राचीन चिकित्सा शास्त्र और पद्धति, जिसे हम आयुर्वेद के नाम से जानते हैं, उसमें ऐसी-ऐसी औषधियों का वर्णन हैं, जो हमारे आस-पास आसानी से उपलब्ध हैं और इनका सामान्य नुस्खा बड़ी-बड़ी बीमारियों में लाभ पहुंचता है. इन्हीं में से एक औषधि है मूसली. ये काली और सफेद दो रूपों में मिलती है.
हर्बल वियाग्रा कहलाती है यह औषधि
सफेद मूसली का इस्तेमाल बतौर शक्तिवर्धक किया जाता है, यह सेक्स पावर बढ़ाने में खास तौर पर गुणकारी है.इसे 'हर्बल वियाग्रा' के नाम से भी जाना जाता है. इसी तरह काली मूसली का उपयोग भी आयुर्वेद में किया जाता है. सफेद मूसली की तरह ही काली मूसली भी यौन क्षमता बढ़ाती है.
इसके अलावा भी यह कई रोगों के लिए लाभकारी है. काली मूसली का प्रयोग यौन दुर्बलता को ठीक करने के साथ ही शरीर की मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने में किया जाता है. इसके साथ ही इसका उपयोग मूत्र या यूरिन से संबंधित रोगों के उपचार में भी किया जाता है. काली मूसली का स्वाद भी हल्का मीठा और कड़वापन वाला होता है. इसके साथ ही इसकी तासीर भी काफी गर्म होती है.
ध्यान रहे, हानि न पहुंचा दे मूसली
अगर आप बिना किसी चिकित्सक के परामर्श के इसको लेते हैं तो ये आपको हानि भी पहुंचा सकती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि काली मूसली का सेवन कफ के रोग से ग्रसित लोगों के लिए वर्जित है. काली मूसली वात-पित्त को तो कम करती है, लेकिन कफ को बढ़ाने वाली औषधी है. इसका उपयोग शरीर में जलन, थकान, पाइल्स के इलाज में भी किया जाता है. साथ ही यह रक्त का शोधन भी करती है.
काली मूसली का प्रयोग आप बुखार के साथ ही मधुमेह या डायबिटीज के रोगियों के लिए भी कर सकते हैं. यह उनके लिए भी लाभदायक हैं. कमजोर पाचन शक्ति और उल्टी-दस्त जैसी समस्या में भी यह काफी लाभकारी है.