Independence Day 2022: स्वदेशी आंदोलन का अभिन्न हिस्सा रहा खादी आज भी है भारतीयों के बीच लोकप्रिय
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Independence Day 2022: स्वदेशी आंदोलन का अभिन्न हिस्सा रहा खादी आज भी है भारतीयों के बीच लोकप्रिय

Independence Day 2022: जब भी आप खादी को चुनते हैं तो आप भारतीय आत्मा का हिस्सा बन जाते हैं.  महात्मा गांधी ने स्वदेशी आंदोलन में खादी को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था.

Independence Day 2022: स्वदेशी आंदोलन का अभिन्न हिस्सा रहा खादी आज भी है भारतीयों के बीच लोकप्रिय

पटना: 2022 में जब हम आजादी का 75 वां पावन पर्व मना रहे हैं, तो इससे जुड़े एक ऐसा आंदोलन हमारे जहन में आता है जिसने भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया.  आज हम बात करने जा रहे हैं भारत की भावना, समृद्ध इतिहास और आजादी के संघर्ष की पहचान रहे खादी के बारे में. भारत में खादी को पुनर्जीवित करने का अगर श्रेय महात्मा गांधी को जाता है.  महात्मा गांधी ने इसकी क्षमता को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनने के लिए एक उपकरण के रूप में देखा था. 1920 में महात्मा गांधी ने स्वदेशी आंदोलन में खादी को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था. जिसका असर ऐसा रहा की खादी स्वदेशी आंदोलन का अभिन्न अंग बन गया और यही कारण है कि आजादी के सात दशकों के बाद भी, भारतीय समाज में खादी की एक खास स्वीकृति है.

खादी भारतीय कपड़ा विरासत का प्रतीक रहा है 
जब भी आप खादी को चुनते हैं तो आप भारतीय आत्मा का हिस्सा बन जाते हैं. आज जब हम आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में भारत की स्वतंत्रता की 75वी वर्षगांठ मना रहे हैं तो सरकार ने भी इसकी महत्ता को देखते हुए कई ऐसे उपाय किये हैं जिससे खादी की महत्वता अभी तक बनी हुई है. दरअसल, खादी भारतीय कपड़ा विरासत का प्रतीक रहा है क्यूंकि आज भी भारतीयों के बीच खादी के कपड़ों का चलन और लोकप्रियता कम नहीं हुई. 

1 लाख 15 हजार 415 करोड़ रुपये का कारोबार
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खादी का कुल कारोबार 1 लाख 15 हजार 415 करोड़ रुपये का हुआ. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में यह कारोबार 95741 करोड़ का था. किसी भी FMCG कंपनी के लिए 1 लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार करना बस सपना जैसा रहा है.

पीएम मोदी करते हैं खादी का इस्तेमाल
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समय-समय पर खादी वस्त्र का खूब प्रचार करते रहे हैं. प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने खादी इंडस्ट्री के उत्थान के लिए खूब प्रयास किये हैं. खादी का प्रमोशन ही है कि समय-समय पर खादी से बने झंडे सुर्खियां बटोरते रहते हैं. 2 अक्टूबर, 2021 को महात्मा गांधी की 152वीं जयंती के अवसर पर लद्दाख के लेह में खादी के कपड़े से बना दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज स्थापित करना हो या फिर राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 'खादी' से बना दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित करना. ऐसी घटनाएं आने वाले समय में आपको हमेशा गौरवान्वित करेंगी.

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