BPSC Head Teacher Exam: सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे नियोजित शिक्षक के मुताबिक, अगर आयोग ने सिलेबस के मुताबिक परीक्षा ली तो प्रधानशिक्षक के सभी पदों पर भर्ती हो सकेगी.
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पटना: BPSC Head Teacher Exam: बिहार में प्रधानाध्यापक के नतीजे जब बिहार लोकसेवा आयोग ने घोषित किए तो सालों से सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक ही फेल हो गए. ये वो शिक्षक थे जो पिछले दस साल से सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे थे. लेकिन आयोग ने जब प्रधानाध्यापक के 6 हजार 421 पदों के लिए परीक्षा ली तो उसमें सिर्फ 421 ही सफल हो सके.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रधानशिक्षक यानि हेडटीचर्स के नतीजे भी कुछ इसी तरह होंगे? हालांकि, अलग-अलग स्कूलों में सालों से पढ़ा रहे शिक्षक इंकार कर रहे हैं. सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे नियोजित शिक्षक के मुताबिक, अगर आयोग ने सिलेबस के मुताबिक परीक्षा ली तो प्रधानशिक्षक के सभी पदों पर भर्ती हो सकेगी.
दरअसल, प्राथमिक स्कूलों में प्रधानशिक्षक जैसे अहम पद के लिए पिछले साल शिक्षा विभाग ने बिहार लोकसेवा आयोग के जरिए परीक्षा कराने का फैसला किया. इसी कड़ी में प्रधानाध्यापक पद के 6 हजार 421 पद के लिए आयोग ने परीक्षा ली लेकिन नतीजे में सिर्फ 421 सफल रहे. जबकि 14 हजार के आसपास शिक्षकों ने फॉर्म भरे थे यानि खुद शिक्षक ही परीक्षा में फेल हो गए.
दूसरी ओर बिहार लोकसेवा आयोग (BPSC) ने प्रधानशिक्षक पद की परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी हैं.
एक नजर प्रधानशिक्षक यानि हेडटीचर के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा पर
बिहार भर के प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक के 40 हजार 506 पदों पर परीक्षा होगी
1 लाख 19 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन दिए है
यानि 1 पद के लिए कमोबेश 3 दावेदार
पूरे बिहार में पटना सहित 12 जिलों में परीक्षा केंद्र होंगे
दो घंटे की परीक्षा अवधि में प्रत्येग गलत जवाब पर 0.25 अंक की निगेटिव मार्किंग
25 मई को आयोग ने प्रधानाध्यापक यानि हेडमास्टर पद की परीक्षा ली थी
6 हजार 421 पदों के लिए आयोजित परीक्षा में सिर्फ 421 ही हुए सफल
इसका मतलब है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में बिहार के स्कूलों में प्रधानशिक्षक पद भर लिए जाएंगे. बिहार में नियोजित शिक्षकों की योग्यता पर पहले ही सवाल उठते रहे हैं. प्रधानाध्यापक के नतीजों में जिस तरह से शिक्षक फेल हो गए उसे देखते हुए प्रधानशिक्षक की परीक्षा पर नजर शिक्षा विभाग की भी होगी.
शिक्षा विभाग भी इस चीज को देखेगा कि जो नियोजित शिक्षक सालों से शिक्षा विभाग के अंग बन चुके हैं वो बिहार लोकसेवा आयोग की तरफ से आयोजित परीक्षा में पास होते हैं या फेल.