केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए विशेष योजना तैयार की है. बता दें कि राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए नौवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के चयनित छात्रों को हर वर्ष एक लाख नई छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है.
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पटना : केंद्र सरकार गरीब छात्रों की बेहतर शिक्षा के लिए एक नहीं योजना लेकर आई है. सरकार की इस योजना के तहत रुपये की कमी से जूझ रहे छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह आर्थिक सहायता छात्रवृत्ति के रूप में दी जानी है.
छात्रों को मिलेंगे 12 हजार रुपये
बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सरकार छात्रवृत्ति के रूप में मदद मुहैया करा रही है. यह छात्रवृत्ति विशेष रूप से स्कूली छात्रों के लिए है. छात्रवृत्ति की राशि 12 हजार रुपये सालाना है. सरकार की योजना के तहत हर वर्ष एक लाख नई छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. शिक्षाविदों का मानना है कि गरीबी के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों को इस छात्रवृत्ति से काफी लाभ मिलेगा और वह अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे. साथ ही वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस) के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है. 'राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति योजना' के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों को आठवीं कक्षा में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने से रोकने और उन्हें माध्यमिक स्तर पर अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है.
छात्रों को हर वर्ष प्रदान की जाती है एक लाख नई छात्रवृत्ति
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए विशेष योजना तैयार की है. बता दें कि राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए नौवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के चयनित छात्रों को हर वर्ष एक लाख नई छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. दसवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक उस छात्रवृत्ति को जारी रखा और उसका नवीनीकरण किया जाता है.
छात्रों के खाते में सीधे आएंगे रुपये
बता दें कि राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस) को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए एक समग्र प्लेटफॉर्म- पर जोड़ा गया है. वहीं एनएमएमएसएस छात्रवृत्ति डीबीटी मोड का अनुसरण करते हुए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण द्वारा चयनित छात्रों के बैंक खातों में सीधे वितरित की जाती है. यह शत-प्रतिशत केन्द्र प्रायोजित योजना है. साथ ही जिन छात्रों के माता-पिता की सभी स्रोतों से आय 3,50,000 रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं है, वे इस छात्रवृत्ति के पात्र हैं. छात्रवृत्ति के योग्य होने के लिए चयन परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के पास आठवीं कक्षा की परीक्षा में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड होना चाहिए.