बिहार की राजधानी स्थित पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय भूमिगत मार्ग (सुरंग) से जुड़ेंगे. इस कार्य में 542 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इस कार्य को तीन साल में पूरा किए जाने की उम्मीद है.
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पटना: बिहार की राजधानी स्थित पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय भूमिगत मार्ग (सुरंग) से जुड़ेंगे. इस कार्य में 542 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इस कार्य को तीन साल में पूरा किए जाने की उम्मीद है.
सरकार की योजना है कि एक संग्रहालय आने वाले पर्यटक सहजता से दूसरे संग्रहालय को भी देख सकें. इसके लिए दोनों को 1.5 किलोमीटर लंबे भूमिगत मार्ग से जोड़ने की योजना है. सुरंग अंदर से 6.1 मीटर चौड़ा होगा, जबकि बाहरी आकार 8 मीटर का होगा. बताया जाता है कि जमीन के अंदर करीब 20 मीटर खुदाई होगी.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस सुरंग के निर्माण के लिए 542 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल गई है. इससे पहले बिहार संग्रहालय के स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने लगा था कि दोनों संग्रहालय को जोड़ने के लिए जल्द ही सुरंग के निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा.
बताया जाता है कि सुरंग निर्माण का कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को दिया गया है. निर्माण कार्य तीन वर्षों में करने का लक्ष्य रखा गया है. पटना संग्रहालय अंतर्राष्ट्रीय बिहार संग्रहालय का अंग होगा और लोग एक टिकट पर दोनों म्यूजियम देख सकेंगे. कहा जा रहा है कि दो संग्रहालयों को जोड़ने वाली अपनी तरह की यह भारत की पहली सुरंग होगी. प्रवेश-निकास भवन में एक भूतल और प्रथम तल के साथ इसमें तीन तल का बेसमेंट होगा. प्रवेश-निकास भवन में सुरक्षा जांच, सामान लिफ्ट सहित अन्य सुविधाएं रहेगी.
बताया जाता है कि यह सुरंग एक आर्ट गैलरी की तरह होगी, जिसमें राज्य की कला, संस्कृति, विरासत, भित्तिचित्र एवं अन्य कलाकृतियों को सुरंग की दीवारों पर उकेरा जाएगा.
इनपुट-आईएएनएस के साथ
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